Ashwin Retirement : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गाबा टेस्ट मैच के बाद टीम इंडिया को तगड़ा झटका लगा और उनके दिग्गज स्पिनर आर. अश्विन ने संन्यास का ऐलान कर दिया. अश्विन ने गाबा टेस्ट मैच बराबरी पर समाप्त होते ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से पूरी तरह संन्यास ले लिया और अब वह सीरीज के बाकी दो टेस्ट मैच में भी नहीं खेलेंगे. इस तरह टीम इंडिया के धाकड़ स्पिनर अश्विन के साथ पर्थ टेस्ट मैच में ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने 23 दिन के भीतर ही संन्यास का फैसला कर लिया.
पर्थ में अश्विन के साथ क्या हुआ था ?
दरअसल, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का आगाज पर्थ में होने वाले मुकाबले के साथ हुआ. इस मुकाबले के लिए टीम इंडिया फ्रंट रनर स्पिनर आर. अश्विन को टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया. जबकि उनकी जगह युवा स्पिनर वाशिंगटन सुंदर को मौक़ा दिया. मीडिया रिपोर्ट में निकलकर सामने आया कि पर्थ टेस्ट मैच में उनकी जगह सुंदर को खिलाना शायद अश्विन को रास नहीं आया.
रोहित शर्मा ने अश्विन को मनाया
पर्थ में टेस्ट मैच 22 से 25 नवंबर के बीच खेला गया. जिसमें अश्विन बेंच पर बैठे रहे. इस बीच टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा भी पर्थ पहुंचे, जो दूसरी बार पिता बनने के चलते पर्थ टेस्ट मैच से बाहर थे. अश्विन के संन्यास लेने पर रोहित शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि उन्होंने एडिलेड में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के लिए अश्विन को काफी मनाया था. इससे साफ़ है कि अश्विन आगे खेलने को राजी नहीं थे.
अश्विन की गंभीर से हुई तीखी बातचीत
पर्थ टेस्ट मैच के बाद टीम इंडिया जब अभ्यास कर रही थी. उस दौरान अश्विन और टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के बीच काफी देर तक बातचीत हुई थी. जबकि रोहित के मनाने पर अश्विन ने एडिलेड टेस्ट मैच खेला और गाबा के मैदान में रवींद्र जडेजा को मौका दिया गया. एडिलेड में खेलने के बाद अश्विन जब फिर से टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन से बाहर हुए तो वह शायद खफा हो गए. गाबा में संन्यास का फैसला लेने के बाद टीम इंडिया के हेड कोच गंभीर और अश्विन के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली. जिसमें अश्विन एक समय गंभीर की तरफ अंगुली से इशारा करते भी नजर आए. इसलिए क्या अश्विन ने नाराज होकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया. इसके बारे में वह खुद ही आने वाले समय में बता सकते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई दौरे में उनके साथ ऐसा क्या हुआ कि संन्यास लेने पर मजबूर होना पड़ा.
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