IND vs AUS: 'तुम पानी ले जाते हुए अच्छे लगते हो', डेविड वॉर्नर ने छेड़ा तो चेतेश्वर पुजारा ने इस तरह ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का जीना किया हराम, देखिए Video

IND vs AUS: 'तुम पानी ले जाते हुए अच्छे लगते हो', डेविड वॉर्नर ने छेड़ा तो चेतेश्वर पुजारा ने इस तरह ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का जीना किया हराम, देखिए Video
डेविड वॉर्नर चेतेश्वर पुजारा.

Highlights:

चेतेश्वर पुजारा पर डेविड वॉर्नर ने 2014-15 सीरीज के दौरान छींटाकशी की थी.

चेतेश्वर पुजारा ने आर अश्विन के जरिए वॉर्नर का रिदम खराब किया.

भारत और ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के बीच चेतेश्वर पुजारा ने डेविड वॉर्नर के साथ नोंकझोंक का दिलचस्प किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने 2014-15 में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान उन पर पानी ले जाने को लेकर ताना मारा था. इसके बाद पुजारा ने आर अश्विन के जरिए वॉर्नर का जीना हराम कर दिया था. वे जब भी मौका मिलता तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को तंग करते. उन्होंने बाकी भारतीय खिलाड़ियों को भी ऐसा ही करने को कहा. पुजारा और वॉर्नर दोनों ही अभी टेस्ट क्रिकेट से दूर हैं. भारतीय बल्लेबाज टीम इंडिया से बाहर चल रहा है और स्टार स्पोर्ट्स के लिए कमेंट्री कर रहे हैं. वहीं वॉर्नर रिटायर हो चुके हैं. वे फॉक्स क्रिकेट के साथ काम कर रहे हैं.

पुजारा ने हरभजन सिंह और जतिन सप्रू के साथ ब्रिस्बेन टेस्ट के दौरान बात करते हुए वॉर्नर से स्लेजिंग के बारे में कहा, 'मैं 2014-15 में जब प्लेइंग इलेवन में नहीं था तो ड्रिंक्स ले जा रहा था. वह मैदान पर आए होंगे और बोले की तू ड्रिंक्स कैरी करता हुआ बहुत ही अच्छा दिख रहा है. इसके बाद से हमारी बातचीत चालू हुई. इसके बाद मैं हर बार उन्हें अश्विन की याद दिलाता था क्योंकि वह अश्विन के सामने काफी आउट होते थे. फिर मैं उन्हें ऑफ स्पिनर की तरह हाथ को करके दिखाता था. अपने गेंदबाजों को भी बोला कि वॉर्नर को ऑफ स्पिनर की तरह हाथ करके दिखाना. मैं मानसिक रूप से दबाव बनाना चाहता था. पूरी सीरीज में मैंने ऐसा किया.'

पुजारा ने वॉर्नर को कर दिया था तंग

 

पुजारा ने बताया कि बाद में भी जो सीरीज हुई उनमें उन्होंने अश्विन के जरिए वॉर्नर को छेड़ा. उन्होंने कहा, 'मैं शॉर्ट लेग पर खड़ा रहता था तब भी वॉर्नर को अश्विन के खिलाफ रिकॉर्ड को लेकर छेड़ता था. हमारी इतनी बात होती थी कि मैच से इतर जब हम कभी आमने-सामने होते थे तब वह मुझे देखकर दूसरी तरफ मुड़ जाते थे. मेरे सामने भी नहीं आते थे.'