भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न टेस्ट पांचवें दिन तक चला गया है. चौथे दिन के खेल के बाद ऑस्ट्रेलिया ने नौ विकेट गंवाकर 228 रन बना लिए और उसके पास 333 रन की बढ़त हो चुकी है. नाथन लायन और स्कॉट बॉलैंड ने आखिरी विकेट के लिए अटूट अर्धशतकीय साझेदारी करते हुए मेजबान टीम को 200 रन के पार पहुंचा दिया. एक समय भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के नौ विकेट 173 रन पर गिए गए थे लेकिन बॉलैंड-लायन अड़ गए. इसके चलते भारतीय टीम को अब मेलबर्न टेस्ट जीतने के लिए इतिहास रचना होगा. अभी तक मेलबर्न में केवल एक बार ही 300 प्लस का टारगेट हासिल हुआ है और यह भी लगभग एक सदी पहले हुआ था.
मेलबर्न में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम है. उसने 1928 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथी पारी में 332 रन का लक्ष्य हासिल किया. यह इकलौता मामला है जब किसी टीम ने मेलबर्न में 300 से ऊपर का लक्ष्य हासिल किया है. इसके बाद इंग्लैंड का ही नाम है जिसने 1895 में यहां पर चौथी पारी में 298 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाई थी. साउथ अफ्रीका ने 1953 में 297 का लक्ष्य मेलबर्न के मैदान में हासिल किया था. मेलबर्न में सात बार 250 से ऊपर का लक्ष्य कोई टीम हासिल कर सकी है.
1961 के बाद मेलबर्न में 250 तक नहीं हुए चेज़
साल 1961 में ऑस्ट्रेलिया के वेस्ट इंडीज के खिलाफ जीतने के बाद से मेलबर्न में कोई टीम 250 प्लस का टारगेट हासिल नहीं कर सकी है. वहीं 2013 के बाद से किसी टीम ने यहां पर 200 प्लस का लक्ष्य भी हासिल नहीं किया है. ऐसे में रोहित शर्मा और उनकी टीम के सामने बड़ी चुनौती होगी. लेकिन यह टीम 2021 में ब्रिस्बेन टेस्ट में मिली जीत से प्रेरणा ले सकती है जब 328 रन बनाकर भारत ने लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती थी.
मेलबर्न टेस्ट में टॉप-5 सबसे सफल लक्ष्य
विजेता | खिलाफ | लक्ष्य | साल |
इंग्लैंड | ऑस्ट्रेलिया | 332/7 | 1928 |
इंग्लैंड | ऑस्ट्रेलिया | 298/4 | 1895 |
साउथ अफ्रीका | ऑस्ट्रेलिया | 297/4 | 1953 |
ऑस्ट्रेलिया | इंग्लैंड | 287/5 | 1929 |
इंग्लैंड | ऑस्ट्रेलिया | 282/9 | 1908 |
भारत ने मेलबर्न में 70 रन का सर्वोच्च लक्ष्य अभी तक हासिल किया है. ऐसा 2020 में अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में हुआ था और टीम इंडिया ने आठ विकेट से जीत दर्ज की थी. यह इकलौता मामला है जब भारत ने यहां पर चौथी पारी में बैटिंग करते हुए जीत दर्ज की थी.