टीम इंडिया में वापसी की लगातार कोशिश कर रहे स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को शनिवार को हैदराबाद में दिल्ली के खिलाफ बंगाल के विजय हजारे टॉफी के शुरुआती मुकाबले में आराम दिया जाएगा. बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने इसकी घोषणा की. वनडे विश्व कप 2023 फाइनल के बाद से ही टीम इंडिया से बाहर चल रहे शमी ने टखने की सर्जरी के बाद लंबे समय बाद घरेलू क्रिकेट में वापसी की थी.उन्होंने करीब एक साल बाद घरेलू क्रिकेट में तूफानी वापसी की.
शमी सर्जरी के बाद से बेंगलुरु में एनसीए में चोट से उबर रहे थे. उन्होंने बंगाल के लिए शानदार वापसी कर सात विकेट झटके और टीम को इस रणजी ट्रॉफी सत्र में पहली जीत दिलाने में मदद की. उन्होंने हाल में समाप्त हुई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में नौ विकेट लिए थे.हालांकि उनके घुटने में सूजन अब भी चिंता का विषय बनी हुई, जो उन्हें घरेलू टी20 टूर्नामेंट के दौरान हुई थी.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेलने की उम्मीद
घरेलू क्रिकेट में शमी के प्रदर्शन को देखते हुए उनके बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेलने की उम्मीद कर जा रही थी. जहां भारत को दो और टेस्ट मैच खेलने हैं. एडिलेड टेस्ट में हार के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने शमी को लेकर कहा था कि उनके लिए दरवाजे पूरी तरह से खुले हैं. उनकी फिटनेस की मॉनिटरिंग की जा रही हैं. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उनके घुटनों में कुछ सूजन आ गई थी.रोहित ने कहा था कि वो ऐसी स्थिति नहीं चाहते, जहां शमी मैच के दौरान बाहर हो जाए. हालांकि गाबा टेस्ट के बाद जब उनसे शमी को लेकर सवाल किया गया तो वो इससे बचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा-
मुझे लगता है कि एनसीए से किसी को उनके बारे में बात करनी चाहिए कि वह कहां रिहैबिलिटेशन कर रहे हैं. उन लोगों को ही आकर हमें कुछ अपडेट देने की जरूरत है. मैं पता हूं कि वह घर पर बहुत क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन उनके घुटने को लेकर भी कुछ चिंताएं हैं. हम तब तक कोई जोखिम नहीं लेंगे जब तक कि हम उनकी फिटनेस के बारे में 200 प्रतिशत सुनिश्चित नहीं हों. आप नहीं चाहेंगे कि कोई खिलाड़ी आए और मैच के बीच से हट जाए. आपको पता है ही ऐसा होने पर क्या होता है. इसलिए कोई जोखिम नहीं लेना चाहता. अगर एनसीए वालों को लगता है कि वह फिट है तो ठीक है.
विजय हजारे ट्रॉफी में शमी की भागीदारी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए उनकी उपलब्धता निर्धारित करने की दिशा में एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है.
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