भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में करारी हार झेलनी पड़ी. गुलाबी गेंद से खेले गए मुकाबले में टीम इंडिया तीन दिन के अंदर 10 विकेट से पस्त हो गई. इस नतीजे ने पर्थ टेस्ट से मिले एडवांटेज को भारत से छीन लिया. अब बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की लड़ाई में दोनों टीमें 1-1 से बराबर हैं और तीन टेस्ट खेले जाने बाकी हैं. एडिलेड की नाकामी ने कप्तान रोहित शर्मा को बुरी तरह से प्रभावित किया. वे पेटरनिटी लीव के चलते पर्थ टेस्ट में नहीं खेले थे और तब जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में भारत जीता. लेकिन रोहित की वापसी वाले टेस्ट में हार मिली. वे नतीजे के बाद एडिलेड ओवल के मैदान में काफी देर तक अकेले बैठे रहे.
रोहित शर्मा भारतीय टीम के डगआउट में कम से कम सात-आठ मिनट तक अकेले बैठे थे. इसे दौरान वे खामोशी से सामने देखते रहे. ऐसा लग रहा था मानो वे भविष्य की तरफ ताक रहे हैं या फिर जो कुछ उनकी टीम के साथ हुआ उसे समझने की कोशिश कर रहे हो. रोहित एडिलेड टेस्ट की दोनों पारियों में नाकाम रहे. वे दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर पाए. रोहित कई साल बाद छठे नंबर पर बैटिंग के लिए उतरे थे. टीम की भलाई को देखते हुए उन्होंने यह कदम उठाया था क्योंकि केएल राहुल ने पहले टेस्ट में ओपन करते हुए शानदार प्रदर्शन किया था. इसी वजह से रोहित ने उनके लिए ओपनिंग स्पॉट छोड़ा. लेकिन अब एडिलेड मे दूसरे टेस्ट के बाद उनकी जगह पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए.
रोहित शर्मा को समझ लिया जसप्रीत बुमराह
रोहित शर्मा के साथ दूसरे टेस्ट की पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में भी चोट हो गई. उन्हें इस दौरान जसप्रीत बुमराह समझ लिया गया और तेज गेंदबाज के नाम से पुकारा गया. रोहित को यह समझने में कुछ मिनट लगे कि वह गलत पहचान के शिकार हो गए. बाद में वे उठे और पोस्ट मैच प्रजेंटर इशा गुहा से बात करने के लिए प्लेयर ऑफ दी मैच ट्रेविस हेड और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस के साथ जाकर खड़े हो गए. रोहित को जसप्रीत समझने की गलती इस वजह से भी हो सकती है क्योंकि पहले टेस्ट में वे नहीं खेले थे. तब बुमराह के नेतृत्व में भारत ने पर्थ जीतकर इतिहास रचा था.