इंग्लैंड के महान बल्लेबाज ग्राहम गूच का मानना है कि भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैच की सीरीज दबाव झेल रहे टेस्ट फॉर्मेट के लिए बिल्कुल सही प्रेरणा है लेकिन उन्हें डर है कि सिर्फ ‘बिग थ्री’ (भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों के एक-दूसरे के साथ अधिक खेलने का मौजूदा चलन बोरियत और ठहराव का कारण बनेगा.
मुझे लगता है कि आईसीसी को टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान देने की जरूरत है और यह देखने की जरूरत है कि वे आर्थिक रूप से कमजोर देशों की कैसे मदद कर सकते हैं. मैं छोटे देशों की बात नहीं करूंगा, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर देशों की बात करूंगा.
टेस्ट क्रिकेट में 8900 रन के साथ इंग्लैंड के तीसरे सबसे सफल बल्लेबाज 72 साल के गूच ने कहा-
क्योंकि आपको टेस्ट क्रिकेट को बचाए रखना है. आप सिर्फ तीन टीम के बीच नहीं खेल सकते. अगर न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज, साउथ अफ़्रीका जैसी दूसरी टीम कम टेस्ट क्रिकेट खेलेंगी तो किसी के पास खेलने के लिए कोई नहीं होगा. इसलिए उन्हें खेल का पूरा समर्थन करना होगा.
भारतीय टीम ने इस सीरीज में इंग्लैंड को कांटे की टक्कर दी. लगभग 45 हजार फर्स्ट क्लास रन बनाने वाले गूच ने कहा कि रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद टीम की अनुभवहीनता के बावजूद उन्हें हमेशा उम्मीद थी कि भारत मेजबान टीम को कड़ी टक्कर देगा. उन्होंने कहा-
देखिए एक दरवाजा बंद होता है तो दूसरा खुल जाता है. आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि महान खिलाड़ी या कोई भी खिलाड़ी हमेशा खेलता रहे. एक समय ऐसा आता है जब वे तय कर लेते हैं कि अब बहुत हो गया या अब संन्यास ले लेंगे या कुछ और.
उन्होंने कहा-
कप्तान एक बेहतरीन खिलाड़ी है. मुझे लगता है कि उनकी तकनीक शानदार है. इस सीरीज में उनकी एकाग्रता और उनका धैर्य शानदार रहा है
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