पूर्व भारतीय क्रिकेटर आर अश्विन का कहना है कि टीम मैनेजमेंट के लिए यह जरूरी है कि जब हालात अच्छे ना हों, तब वे अपने खिलाड़ियों का साथ दें. उन्होंने आगे कहा कि अगर अंशुल कंबोज 10 टेस्ट मैच भी खेलते हैं और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते, तो कोई बात नहीं, क्योंकि उन्होंने भारतीय टीम का हिस्सा बनने के लिए कड़ी मेहनत की है. कंबोज ने इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट में भारत के लिए डेब्यू किया, मगर उनका डेब्यू उतना यादगार नहीं रहा, जितना उनसे उम्मीद की थी. उन्होंने पहली पारी में 18 ओवर में 89 रन दिए और सिर्फ़ एक विकेट लिया.
जब हमारे क्रिकेटर का अच्छा समय नहीं चल रहा हो तो हमारे लिए यह जरूरी है कि हम उनका साथ दें. अगर कंबोज दस टेस्ट मैच भी खेले और अच्छा प्रदर्शन ना कर पाए, तो भी कोई बात नही. हरियाणा के एक लड़के ने भारत में जगह बनाने के लिए बहुत मेहनत की है.
यह अभी भी एक सफलता की कहानी है. हमें याद रखना चाहिए कि वह यहां तक पहुंचे हैं.यह एक सफलता की कहानी है. हम वहां तक नहीं पहुंचे हैं, इसलिए हमें उनके प्रति थोड़ी सहानुभूति रखनी चाहिए. हमें अपने खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए.
अगर वह अच्छा प्रदर्शन करते है तो हर कोई उसकी तारीफ करेगा. जब किसी का बुरा दिन होता है, तो हमें उनका साथ देना चाहिए. अगर वह अच्छा नहीं करते, तो उसे टीम से बाहर कर दिया जाता है. कोई बात नहीं, ऐसा होगा. लेकिन उसने मेहनत की है.
अश्विन ने कहा कि उन्हें इस सीरीज में भारत के प्रदर्शन पर गर्व है. अश्विन ने कहा-
लगभग हर मैच में हम जीतने की स्थिति में होते हैं, इस मैच में भी हम ड्रॉ के लिए संघर्ष कर रहे हैं. शुभमन गिल को खुद पर गर्व होना चाहिए. पहली बार कप्तानी करने वाले युवा खिलाड़ी के बुरे दिन आना स्वाभाविक है. वह इससे सीख लेंगे.