टीम इंडिया अगले महीने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड दौरे पर जाएगी. इस दौरे पर भारत के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी का खेलना संदिग्ध माना जा रहा है. इस दौरे के लिए चयनकर्ताओं को शमी पर कड़ा फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार शमी की फॉर्म, फिटनेस और चोट के कारण लंबे समय तक बाहर रहने के बाद टेस्ट क्रिकेट में उनकी क्षमता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं. भारत की तेज गेंदबाजी लाइनअप कमजोर दिख रही है. साथ ही जसप्रीत बुमराह का वर्कलोड भी चिंता का विषय है.
शमी को इस दौरे के लिए ऑटोमैटिकली नहीं चुना जाएगा. उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी किए हुए महीनों हो गए हैं, मगर वह मुश्किल से ही लय हासिल कर पाए हैं. टीम इंडिया चयन करते समय आमतौर पर आईपीएल के प्रदर्शन पर विचार नहीं किया जाता है.शमी अपना रन-अप पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और गेंद विकेटकीपर के पास नहीं जा पा रही है.जैसा कि 2023 वनडे वर्ल्ड कप के बाद उनकी चोट से पहले हुआ करती थी.वह हमेशा थोड़े समय के लिए आराम करने के बाद ड्रेसिंग रूम में वापस चले जाते हैं.
माना जा रहा है कि चयनकर्ताओं को उम्मीद है कि बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ सिर्फ दो या तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे. ऐसे में वह 35 साल के शमी के प्रदर्शन से उम्मीद लगाए बैठे हैं. सोर्स ने कहा-
शुरुआती योजना यह सुनिश्चित करना था कि टीम कम से कम हर टेस्ट में शमी या बुमराह में से किसी एक को खिला सके.हालांकि अगर बुमराह को एक मैच के लिए आराम दिया जाता है और शमी को खेलने में परेशानी होती है तो यह एक बड़ा मुद्दा होगा.वह शमी की समस्या को समझने की कोशिश कर रहे हैं.
चयनकर्ताओं को इस बात की भी चिंता है कि बुमराह या शमी की गैरमौजूदगी में मोहम्मद सिराज मुख्य तेज गेंदबाज के रूप में आगे नहीं आ पाएंगे. इंग्लैंड दौरा भी उनके लिए निर्णायक साबित हो सकता है.