तेज गेंदबाज मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) ने क्रिकेटर बनने तक के सफर में काफी चुनौतियों का सामना किया है और वेस्ट इंडीज दौरे (India Tour Of West Indies 2023) के लिए भारतीय टेस्ट और वनडे टीम में चुने जाने के बाद उनका कहा कि अब उनका सपना उनके सामने है. बंगाल के तेज गेंदबाज ने वेस्ट इंडीज के आगामी दौरे के लिए टेस्ट और वनडे टीम में चुने जाने के बाद कहा, ‘कहते हैं ना कि अगर आप टेस्ट नहीं खेले तो क्या खेले. मेरा सपना अब मेरे सामने है. मैं हमेशा यहां होना चाहता था, भारत के लिए टेस्ट खेलना चाहता था. और मैं आखिर टीम में शामिल हो गया.’
उनके पिता काशीनाथ सिंह उनके क्रिकेट खेलने के खिलाफ थे और वे चाहते थे कि वह सीआरपीएफ से जुड़े. 2019 में उनके पिता का निधन हो गया. मुकेश दो बार सीआरपीएफ की परीक्षा में विफल रहे और बिहार की अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व करने के बाद उनका क्रिकेट करियर भी आगे नहीं बढ़ रहा था. उन्होंने फिर बंगाल में ‘खेप’ क्रिकेट खेलने का फैसला किया. वह टेनिस बॉल क्रिकेट में गैर मान्यता प्राप्त क्लबों का प्रतिनिधित्व करते जिसमें उन्हें प्रत्येक मैच में 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये मिलते.
कुपोषण से जूझ रहे थे मुकेश
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