भारतीय महिला टीम को आखिरी वनडे और 3 मैचों की सीरीज पर कब्जा जमाने के लिए 4 गेंद पर अंत में 1 रन बनाने थे. लेकिन टीम इंडिया की बल्लेबाज ऐसा नहीं कर पाईं और पूरी टीम 225 रन पर ऑलआउट हो गई. आखिर में भारतीय महिला टीम के पास सिर्फ 1 विकेट बचा था और मारूफा अख्तर ने मेघना सिंह को आउट कर मैच को टाई करवा दिया. उम्मीद की जा रही थी कि दोनों टीमों के बीच सुपर ओवर होगा लेकिन मैच का समय खत्म होने के कारण अंत में ऐसा नहीं हो पाया और दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज 1-1 की बराबरी पर खत्म हुई.
190 के कुल स्कोर पर टीम इंडिया ने 4 विकेट गंवा दिए थे लेकिन इसके बाद आगे के 6 विकेट 34 रन के भीतर गंवाना टीम पर भारी पड़े. बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी की और 50 ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर 225 रन ठोके. हालांकि 49.3 ओवरों में ही पूरी टीम इंडिया ढेर हो गई. अंत में दोनों टीमों के बीच वनडे ट्रॉफी शेयर हुई है. बांग्लादेश को जीत की दहलीज पर पहुंचाने में सबसे बड़ा योगदान फरगाना हक का रहा. इस बल्लेबाज ने 160 गेंदों पर 107 रन की पारी खेली और टीम के स्कोर को 200 के पार पहुंचाया. बता दें कि, बांग्लादेश महिला क्रिकेट के इतिहास में शतक जमाने वाली वह पहली महिला बैटर बन गई हैं.
फरगाना ने रचा इतिहास
फरगाना भारत के खिलाफ मीरपुर में सलामी बल्लेबाजी करने आई. उन्होंने पहले विकेट के लिए अन्य सलामी बैटर शमीमा सुल्ताना के साथ 93 रनों की साझेदारी निभाई. हालांकि तभी 78 गेंदों में 5 चौके से 52 रन बनाकर सुल्ताना आउट हो गई. इसके बाद कप्तान निगार सुल्ताना ने 24 रन बनाए तो रितु मोनी दो रन ही बना सकी. हालांकि एक छोर पर फरगाना ने बल्ला घुमाना जारी रखा और अंत में शोभना के साथ बांग्लादेश की पारी को 200 के स्कोर के पार पहुंचाया. लेकिन मैच की अंतिम गेंद पर फरगाना शतक जड़ने के बाद आउट होकर पवेलियन चली गई. फरगाना ने 160 गेंदों में 7 चौके से 107 रन बनाए और बांग्लादेश महिला क्रिकेट में पहला वनडे शतक जड़ने वाली बैटर बन गई हैं. फरगाना के शतक से बांग्लादेश ने भारतीय महिला टीम के खिलाफ 50 ओवरों में 4 विकेट 225 रन बनाए. महिला टीम इंडिया के लिए सबसे अधिक दो विकेट स्नेह राणा ही ले सकी.
मांधना- देओल ने संभाली पारी
भारतीय बल्लेबाजी की बात करें तो स्मृति मांधना और शेफाली वर्मा ने पारी की शुरुआत की. हालांकि 11 के कुल स्कोर पर ही शेफाली सस्ते में पवेलियन लौट गईं. उनका विकेट मारूफा अख्तर ने लिया. यास्तिका भाटिया से टीम को उम्मीद थी लेकिन वो भी 5 रन पर चलती बनीं. अब क्रीज पर हरलीन देओल आईं और उन्होंने मांधना के साथ मिलकर 50 रन की साझेदारी की. इस तरह दोनों ने मिलकर टीम के स्कोर को 139 तक पहुंचा दिया. हालांकि फाहिमा खातुन की गेंद पर 59 रन बना मांधना को पवेलियन लौटना पड़ा.
फेल रहीं निचले क्रम की बल्लेबाजी
कप्तान हरमनप्रीत कौर भी कुछ कास नहीं कर पाईं और 14 रन ही बना पाईं. दूसरे बल्लेबाजों के छोटे मोटे योगदान से हरलीन ने टीम के स्कोर को 191 रन तक पहुंचा दिया. लेकिन वो रन आउट हो गईं. ये भारत के लिए बेहद बड़ा झटका था. इस बल्लेबाज ने 108 गेंदों पर 9 चौकों की मदद से 77 रन ठोके. हालांकि अंत में निचले क्रम की बल्लेबाज ज्यादा गेंद होने के बावजूद भी लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाईं और पूरी टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. अंत में भारतीय बल्लेबाज 1 रन नहीं बना पाईं जिससे आखिरी वनडे टाई पर खत्म हुआ. बांग्लादेश की तरफ से सबसे ज्यादा 3 विकेट नाहिदा अख्तर ने लिए.
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