आईपीएल 2024 का आगाज हो गया है. सभी 10 टीमें चैंपियन बनने के लिए मैदान पर लड़ रही है. कप्तान अपनी टीम को चैंपियन बनाने के लिए रणनीति बनाने में लगे हैं. गलतियों से बचने की भी चर्चा होने लगी है. इस दौरान स्लो ओवर रेट भी कप्तानों की लिस्ट में सबसे ऊपर होगा. स्लो ओवर रेट कप्तानों का सबसे बड़ा सिरदर्द है. इस नियम की गाज तो विराट कोहली, केएल राहुल पर भी गिर चुकी है. इसी के चलते टीम इस नियम के कारण टेंशन में रहती है.
स्लोओवर रेट क्या है?
टीमों को तय समय में 20 ओवर गेंदबाजी करनी होती है. तय समय 90 मिनट का होता है, जिसमें 85 मिनट टीम को और 5 मिनट का स्ट्रैटजिक टाइमआउट होता है. यदि पारी का आखिरी ओवर 85वें मिनट में शुरू होता है तो कप्तान और टीम पर स्लो ओवर रेट के लिए जुर्माना नहीं लगता, लेकिन 85 मिनट के अंदर आखिरी ओवर शुरू ना करने पर स्लो ओवर रेट के लिए फाइन लगता है.
टीम और कप्तान को सजा
स्लो ओवर के चलते टीम को डबल सजा मिलती है. एक सजा तो बीच मैदान पर ही मिल जाती है. पहली सजा तो टीम तय समय से जितने ओवर पीछे चलती है, उतने ओवर उस टीम को 30 गज से बाहर एक फील्डर कम रखना होता है. जिसका नुकसान मैच के दौरान टीम को भुगतना पड़ता है. इतना ही नहीं कप्तान के ऊपर 12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाता है और अगर किसी कप्तान पर तीन बार स्लो ओवर रेट जुर्माना लगता है तो उस पर एक मैच के लिए प्रतिबंध लगा दिया जाता है, जिससे टीम को कई बार बड़ा नुकसान हो जाता है और इसी वजह से कप्तान और टीम का सिरदर्द बढ़ जाता है. जुर्माने से बचने के लिए गेंदबाज बिना समय बर्बाद किए तय समय में ओवर पूरा करने की कोशिश करते है.
तीसरी बार गलती करने पर बड़ी सजा
अगर किसी टीम को तीसरी बार दोषी पाया जाता है तो कप्तान पर 30 लाख रुपये के जुर्माने के साथ ही एक मैच का भी बैन लगाया जाता है. जबकि टीम के बाकी सदस्यों पर 12-12 लाख रुपये या फिर उनकी मैच फीस का 50 फीसदी का जुर्माना लगाया जाता है. चौथी बार गलती करने वाली तीसरी बार वाला ही जुर्माना लगाया जाता है.
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