आईपीएल 2023 के 64वें मुकाबले में धर्मशाला के मैदान पर पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मैच खेला गया. दिल्ली ने मैच में पहले खेलते हुए दो विकेट पर 213 रनों का विशाल स्कोर बनाया. जवाब में पंजाब की टीम भी माकूल जवाब देने की कोशिश कर रही थी. मगर उनके धाकड़ बल्लेबाज अथर्व ताइडे को 55 रन की पारी खेलने के बाद रिटायर्ड आउट होना पड़ा और उनके इस तरह पवेलियन जाने से कहीं ना कहीं करो या मरो के मुकाबले में पंजाब किंग्स को हार का सामना करना पड़ा. जिसके बाद हर कोई जानना चाहता है कि कौन है अथर्व ताइडे और कैसे वह घरेलू क्रिकेट में युवराज सिंह के रिकॉर्ड पर कदम रखकर छा गए थे.
महाराष्ट्र के रहने वाले हैं अथर्व
दरअसल, अथर्व का जन्म 26 अप्रैल 2000 को महाराष्ट्र के अकोला में हुआ था. विदर्भ से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले अथर्व बचपन से ही अपने पिता के साथ क्रिकेट देखते थे. उनके पिता भी इस खेल के काफी शौक़ीन हैं और उनसे ही सीखकर अथर्व ने क्रिकेटर बनने का फैसला किया. अथर्व क्रिकेट के सफर में अपने पिता को ही आदर्श मानते हैं.
युवराज सिंह के क्लब में बनाई जगह
बायें हाथ से बल्लेबाजी और बायें हाथ से ही स्पिन गेंदबाजी करने वाले अथर्व महाराष्ट्र के विदर्भ से घरेलू क्रिकेट खेलते हैं. उन्होंने साल 2018 में गुजरात के खिलाफ फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था. जबकि इसी साल लिस्ट ए और टी20 डेब्यू भी किया. हालांकि अथर्व उस समय चर्चा का विषय बने. जब उन्होंने 2018 में खेली गई कूच विहार ट्रॉफी में तिहरा शतक लगाकर युवराज सिंह के क्लब में जगह बनाई थी. विदर्भ से खेलते हुए अथर्व ने मध्य प्रदेश के खिलाफ 320 रनों की पारी खेली थी. जिसके चलते कूच बिहार ट्रॉफी में युवराज सिंह (358 रन) के बाद इस टूर्नामेंट के फाइनल में तिहरा शतक जमाने वाले वह दूसरे भारतीय बल्लेबाज बने थे.
अथर्व का रिटायर्ड आउट होना कैसे पंजाब को पड़ा भारी
अथर्व शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे और लियाम लिविंगस्टोन के साथ पारी को आगे बढ़ा रहे थे. तभी पारी के 15वें ओवर में मुकेश कुमार की अंतिम गेंद खेलने के बाद रिटायर्ड आउट हो गए. अथर्व 42 गेंद खेलकर 5 चौके और दो छक्के से 55 रन बना चुके थे. उनकी धीमी बल्लेबाजी को देखते हुए पंजाब ने उन्हें वापस बुला लिया. जिस फैसले की सभी आलोचना कर रहे हैं और उनका बाहर जाना ही पंजाब के अंत में 15 रन से हार की बड़ी वजह माना जा रहा है. अथर्व जब पवेलियन गए. उसके बाद पंजाब को 30 गेंदों में 86 रन की दरकार थी. लेकिन पंजाब इसे चेज नहीं कर सका.
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