RR vs LSG: 'मुझे तो तारे दिख गए थे', आवेश खान ने आखिरी ओवर में 9 रन बचाने के बाद बताया क्यों नहीं मनाया जश्न

RR vs LSG: 'मुझे तो तारे दिख गए थे', आवेश खान ने आखिरी ओवर में 9 रन बचाने के बाद बताया क्यों नहीं मनाया जश्न
आवेश खान

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आवेश खान ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ आखिरी ओवर में नौ रन बचाए.

आवेश खान को मैच की आखिरी गेंद पर शुभम दुबे के शॉट से चोट लगी.

आवेश खान तीन साल बाद आईपीएल में प्लेयर ऑफ दी मैच बने हैं.

आवेश खान ने कमाल की बॉलिंग करते हुए आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स को राजस्थान रॉयल्स पर दो रन से जीत दिला दी. इस बॉलर ने आखिरी ओवर में नौ रन बचाए और अपनी टीम को सीजन की पांचवीं जीत दिलाई. आवेश ने शिमरॉन हेटमायर, ध्रुव जुरेल और शुभम दुबे जैसे बल्लेबाजों के सामने यॉर्कर के इस्तेमाल करते हुए रन सुखा दिए. हालांकि इस दौरान उन पर चोट का खतरा भी मंडराया. मैच की आखिरी गेंद पर शुभम दुबे ने जोरदार प्रहार किया जो आवेश के हाथ पर जाकर लगा. इससे लगा कि लखनऊ के बॉलर को चोट लगी है. हालांकि ऐसा नहीं हुआ. मैच के बाद आवेश ने बताया कि उन्हें डर था कि हाथ टूट गया है.

आवेश ने मुकाबले में 37 रन देकर तीन विकेट चटकाए और वे तीन साल बाद प्लेयर ऑफ दी मैच बने. आखिरी ओवर में जब राजस्थान को चार रन चाहिए थे तब शुभम ने सामने की तरफ शॉट लगाया जो सीधे आवेश के बाएं हाथ पर जाकर लगा. इससे वे काफी दर्द में दिखे. उन्होंने आखिरी गेंद के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'हाथ ठीक है. शुरू में तो मुझे लगा कि यह टूट गया है. मुझे तो तारे दिख गए थे. जश्न मनाने का वक्त भी नहीं मिला.'

आवेश का मजेदार मिचेल स्टार्क कमेंट

 

आवेश से पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में कहा गया कि उन्होंने मिचेल स्टार्क की तरह आखिरी ओवर में बॉलिंग करते हुए लखनऊ को जीत दिलाई. इस पर मध्य प्रदेश से आने वाले बॉलर ने कमाल का जवाब दिया और कहा, 'मुझे मिचेल स्टार्क नहीं बनना है. मैं अच्छा आवेश खान बनना चाहता हूं. मैं खुले दिमाग के साथ बॉलिंग करना चाहता हूं. अपनी यॉर्कर्स को सही से फेंकना था. पहली तीन गेंद में कोई बाउंड्री नहीं देने की योजना थी.'

मिलर ने कैच टपकाया तो आवेश को क्या लगा

 

आवेश की गेंद पर डेविड मिलर ने आखिरी ओवर में कैच छोड़ दिया था. इस पर उन्होंने कहा, 'जब गेंद हवा में गई और मैंने देखा कि मिलर के पास जा रही है तो मुझे भरोसा था कि इसे पकड़ लिया जाएगा. लेकिन वह छूट गई तो चार रन बचे थे. तब रन बचाना बहुत मुश्किल हो गया क्योंकि बल्ले का किनारा लेकर भी गेंद चौके के लिए जा सकती है. ऐसे में मैंने सोचा कि बस मिडिल और लेग स्टंप पर यॉर्कर डालनी है.'

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