Bengaluru stampede: भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने 4 जून को बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के सेलिब्रेशन के दौरान भगदड़ को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि वे कभी इस तरह के आयोजन के समर्थन नहीं रहे हैं. 2007 में जब भारत ने टी20 वर्ल्ड कप जीता था और मुंबई में विक्ट्री परेड हुई थी लेकिन तब भी वे इसके पक्ष में नहीं थे. गंभीर ने शुभमन गिल के साथ इंग्लैंड दौरे पर रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बयान दिया.
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गौतम गंभीर ने भगदड़ पर कहा- रोड शो के लिए तैयार नहीं तो मत कराओ
गंभीर ने कहा कि सभी लोगों को जिम्मेदारी के साथ बर्ताव करना चाहिए. इसमें फैंस, फ्रेंचाइज मैनेजमेंट सब शामिल होते हैं. फैंस इस तरह के आयोजन को लेकर उत्साहित होते हैं. लेकिन लोगों की जिंदगी भी जरूरी है. अगर लोगों को काबू नहीं किया जा सकता है तब ऐसे इवेंट नहीं करने चाहिए.
गौतम गंभीर ने कहा,
मैंने कभी रोड शो का समर्थन नहीं किया. जब मैं खेलता था तब भी मैंने इस तरह के बयान दिए हैं. 2007 में जीतने के बाद भी कहा कि हमें रोड शो नहीं करने चाहिए. मुझे लगता है कि लोगों की जान ज्यादा जरूरीहै और मैं आगे भी यह कहता रहूंगा. हमें इन रोड शो को लेकर थोड़ा जागरूक होने की जरूरत है और बंद दरवाजों या स्टेडियम के अंदर ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए. जो कुछ कल (4 जून) हुआ वह दुखद है और जिन परिवारों ने अपनों को खोया उनके लिए मेरी संवेदना है. हमें हर तरह से जिम्मेदार बनने की जरूरत है. फिर चाहरे फैंस हो या फ्रेंचाइज. अगर हम रोड शो कराने को तैयार नहीं हैं तो हमें ऐसा नहीं करना चाहिए. आप 11 लोगों की जान नहीं गंवा सकते.
गंभीर बोले- जीत और जश्न किसी जिंदगी से बढ़कर नहीं
गंभीर से जब पूछा गया कि बेंगलुरु में जो हादसा हुआ उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता. जरूरी बात यह है कि मैंने कभी रोड शो में विश्वास नहीं किया. जीतना और जश्न मनाना जरूरी है लेकिन इससे भी बढ़कर किसी की जिंदगी है. अगर हम इतने लोगों को काबू नहीं कर सकते हैं तब हमें रोड करने ही नहीं चाहिए. हम इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं और हमें यह बात अपने हर कदम से जाहिर करनी चाहिए.'