आईपीएल 2025 में 10 टीमें खेलते हुए दिखाई देंगी. 2022 से लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटंस के रूप में दो नई टीमों की एंट्री हुई थी. इससे पहले 2008 में शुरू हुए आईपीएल में 2011 में भी 10 टीमें हुई थी. लेकिन 2014 से लेकर 2022 तक आठ ही टीमें रही. इस लीग से अभी तक पांच टीमें गायब हो चुकी हैं. ये टीमें अलग-अलग समय दुनिया की सबसे बड़ी टी20 क्रिकेट लीग का हिस्सा थी लेकिन अब नहीं है. इनमें से एक टीम ने तो आईपीएल ट्रॉफी भी जीती थी और एक ने फाइनल खेला था. फिर क्यों और कैसे ये इनकी इस लीग से छुट्टी हो गई.
आईपीएल से जो पांच टीमें गायब हुई है उनमें राइजिंग पुणे सुपरजायंट, गुजरात लॉयंस, कोच्चि टस्कर्स केरला, पुणे वॉरियर्स इंडिया और डेक्कन चार्जर्स के नाम आते हैं. इनमें से चार्जर्स उन टीमों में से थी जो पहले सीजन से ही जुड़ गई थी. लेकिन 2012 में यह टीम हट गई. इसने 2009 में एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी में खिताब जीता था. डेक्कन चार्जर्स ने आईपीएल के दूसरे ही सीजन में चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया था.
डेक्कन चार्जर्स क्यों हुई आईपीएल से बाहर
2012 में बीसीसीआई ने कॉन्ट्रेक्ट की शर्तों को तोड़ने के आरोप में इस फ्रेंचाइज को टर्मिनेट कर दिया. हालांकि इससे पहले चार्जर्स के मालिकों ने टीम बेचने की कोशिश की थी. अक्टूबर 2012 में सन ग्रुप ने हैदराबाद फ्रेंचाइज खरीद ली और इसका नाम सनराइजर्स हैदराबाद रखा. साल 2020 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीसीसीआई के डेक्कन चार्जर्स को टर्मिनेट करने के फैसले को गलत माना और बोर्ड को 4814.67 करोड़ रुपये को 2012 से 10 प्रतिशत ब्याज के साथ चुकाने को कहा.
कोच्चि टस्कर्स केरला
बीसीसीआई ने आईपीएल 2010 के बाद दो नई टीमों को लाने का फैसला किया. इसके तहत कोच्चि फ्रेंचाइज दाखिल हुई जिसका नाम कोच्चि टस्कर्स केरला था. इसका मालिकाना हक कई कंपनियों के एक कंसोर्टियम के पास था. लेकिन 2011 के सीजन के बाद ही इस टीम को टर्मिनेट कर दिया गया. टीम मालिकों में झगड़े और अलग-अलग तरह के कई विवादों के चलते इस फ्रेंचाइज का आईपीएल से नाता टूटा.
पुणे वॉरियर्स इंडिया
2011 के सीजन से इस फ्रेंचाइज ने आईपीएल में खेलना शुरू किया. पुणे इस टीम का होम ग्राउंड था. सहारा ग्रुप ने इसका स्वामित्व खरीदा था. लेकिन बीसीसीआई के साथ अलग-अलग विवादों के चलते 2013 के सीजन के बाद इस फ्रेंचाइज की छुट्टी हो गई. मई 2013 में आईपीएल के समाप्त होते ही टीम मालिकों ने इसे खत्म करने का ऐलान किया. पांच महीने बाद अक्टूबर में बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर पुणे को टर्मिनेट कर दिया.