गौतम गंभीर को न्यूजीलैंड से सीरीज गंवाने का नहीं है दुख, हार के बाद क्यों आता है गुस्सा, कहा- खिलाड़ियों को दर्द...

गौतम गंभीर को न्यूजीलैंड से सीरीज गंवाने का नहीं है दुख, हार के बाद क्यों आता है गुस्सा, कहा- खिलाड़ियों को दर्द...
Indian cricket player Rohit Sharma, Rishabh Pant along with Coach Gautam Gambhir and Abhishek Nayar

Highlights:

गौतम गंभीर ने कहा कि हार से हमारे युवा क्रिकेटर बेहतर बनेंगे

गंभीर ने यहां मुंबई पिच पर कोई बयान नहीं दिया

भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में टीम के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी सिर्फ बल्लेबाजों पर डालने से इनकार कर दिया है. न्यूजीलैंड ने तीन मैचों की सीरीज में 2-0 लीड हासिल कर ली है और सीरीज भी जीत ली है. न्यूजीलैंड ने पहले बेंगलुरु में टीम इंडिया को हराया और फिर पुणे टेस्ट में मात दी. बेंगलुरु में न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने स्विंग के साथ भारतीय बल्लेबाजों को पूरी तरह पस्त कर दिया. इसके बाद पुणे की पिच पर लग रहा था कि टीम इंडिया के बल्लेबाज शानदार खेल दिखाएंगे लेकिन इस मैच में भी बल्लेबाजों को संघर्ष करना पड़ा और कीवी टीम ने भी इस टेस्ट को जीत लिया. 

हार से युवा क्रिकेटर बेहतर होंगे: गंभीर

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 1 नवंबर से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले गुरुवार को गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हर किसी की जिम्मेदारी है. मैं यह नहीं कह सकता कि सिर्फ बल्लेबाजों ने हमें निराश किया है." मुख्य कोच बनने के बाद से यह गंभीर की दूसरी टेस्ट सीरीज थी. गंभीर  से ये भी पूछा गया कि क्या उन्हें हार के बाद गुस्सा आता है. तो उन्होंने कहा कि हां इसपर अलग अलग राय है. अलग अलग कोच की अलग सोच होती है. आपको अपने खिलाड़ियों का समर्थन करना होता है. कोच अक्सर खिलाड़ियों से अलग होता है.

बता दें कि गंभीर को लगता है कि ये हार उनके खिलाड़ियों को भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित कर सकता है. गंभीर ने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि यह दर्दनाक है." "यह दर्दनाक होना चाहिए और इससे हम बेहतर बनेंगे. इस स्थिति में होने में क्या गलत है? मुझे यकीन है कि यह युवाओं को बेहतर क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित करेगा. अगर हमारे पास कानपुर जैसे परिणाम हैं, तो इस तरह के परिणाम भी हो सकते हैं और आगे बढ़ते रहना चाहिए."

भारत के निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे बल्लेबाजों का फेल होना था क्योंकि इसके चलते वो पारी को आगे नहीं बढ़ा पाए. हालांकि, गंभीर को लगता है कि यह इस बात पर अधिक निर्भर करता है कि टीम एक सेशन को कैसे लेती है. गंभीर ने आगे कहा कि, "टेस्ट क्रिकेट को टेस्ट क्रिकेट की तरह ही खेला जाना चाहिए. अगर हमें एक दिन के खेल के अंदर 400 रन बनाने हैं तो हमें इसे हासिल करने में सक्षम होना चाहिए. मेरे लिए यह सेशन खेलने के बारे में भी है. अगर हम 4.5 सेशन खेलते हैं तो हमारे पास बहुत सारे रन होंगे.''

गंभीर ने वानखेड़े की पिच पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने रैंक-टर्नर की मांग की है. उन्होंने कहा, "यह एक अच्छा विकेट है. दोनों टीमों के बल्लेबाजी करने से पहले किसी के लिए भी इसका आकलन करना बहुत मुश्किल है."
 

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