टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया है. पंत ने ये कमाल भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेंगलुरु में खेले जा रहे पहले टेस्ट में किया. पंत अब एम चिन्नास्वामी स्टेडियम पर 2500 टेस्ट रन बनाने वाले सबसे तेज भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं. पंत ने ये कमाल 62 पारी में किया और इससे पहले के एमएस धोनी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया. धोनी ने 69 पारी में ये कमाल किया था.
92 साल में पंत ने पहली बार किया ऐसा
धोनी से पहले ये रिकॉर्ड फारुख इंजीनियर के नाम था. फारुख ने 82 पारी में ये कमाल किया था. ऐसे में पंत अब 92 साल के भारतीय क्रिकेट इतिहास में 2500 रन बनाने वाले सबसे तेज भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं. पंत ने 65 पारी में ये कमाल किया है.
पंत ने ये कमाल ऐसा वक्त में किया जब भारतीय टीम ने लंच तक 3 विकेट गंवा 344 रन ठोक दिए थे. भारतीय पारी को इतना आगे पहुंचाने में पंत ने अपना अहम योगदान दिया और सरफराज खान के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया. पहले पंत ने अपना अर्धशतक पूरा किया और फिर 1 रन से अपने शतक से चूक गए. बतका दें कि तीसरे दिन पंत को विकेटकीपिंग के दौरान घुटने में चोट लग गई थी. ऐसे में उन्होंने आगे विकेटकीपिंग नहीं की थी. लेकिन बल्लेबाजी में आते ही पंत धमाका करने लगे.
पंत ने अपनी 12वीं टेस्ट फिफ्टी 55 गेंद पर पूरी की. उन्होंने ग्लेन फिलिप्स की गेंद पर अपना अर्धशतक ठोका. इस दौरान वो सरफराज के साथ 22 ओवरों में 113 रन की साझेदारी कर चुके थे. वहीं दूसरे छोर पर सरफराज ने पहले अपना शतक पूरा किया और फिर 150 रन ठोके.
बता दें कि विराट कोहली का विकेट 231 रन पर गिरा था. इसके बाद सरफराज और पंत ने मिलकर टीम के स्कोर को 400 के पार पहुंचा दिया. 408 के स्कोर पर सरफराज आउट हुए और फिर 433 पर पंत आउट हुए. पंत ने 105 गेंदों पर 99 रन ठोके और विलियम ओरोर्के ने उन्हें आउट किया. पंत ने अपनी पारी में 9 चौके और 5 छक्के लगाए. इस दौरान उन्होंने 94.28 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए.
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