IND vs NZ: न्यूजीलैंड के कोच को टीम इंडिया के हमलावर अंदाज ने मुश्किल डाला, बोले- उन्हें फर्क ही नहीं पड़ता कि...

IND vs NZ: न्यूजीलैंड के कोच को टीम इंडिया के हमलावर अंदाज ने मुश्किल डाला, बोले- उन्हें फर्क ही नहीं पड़ता कि...

Highlights:

न्यूजीलैंड ने भारत दौरों पर अभी तक केवल दो ही टेस्ट जीते हैं

भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला टेस्ट बेंगलुरु में खेला जाएगा.

न्यूजीलैंड के कोच गैरी स्टीड का मानना है कि भारतीय टीम को अपने खिलाड़ियों के चोटिल होने से फर्क नहीं पड़ता. वे अपने घर में जिस अंदाज का क्रिकेट खेलते हैं उससे मेहमान टीमों के लिए उन्हें हराना बहुत मुश्किल हो जाता है. स्टीड ने भारत के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले यह बयान दिया. इस सीरीज में भारतीय टीम तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के बिना खेल रही है. भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला टेस्ट 16 अक्टूबर से बेंगलुरु में खेला जाएगा.

स्टीड ने बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट में जिस तरह की गहराई है उससे टीम पर असर नहीं पड़ता कि कौनसे खिलाड़ी उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'अगर उनका खिलाड़ी चोटिल है तो ऐसा लगता है कि बाकी टीमों से उलट उन्हें फर्क नहीं पड़ता. दूसरा खिलाड़ी उपलब्ध रहता है जो आकर उसी की तरह काम करता है. उनके पास बहुत से खिलाड़ी जिनमें से किसी को बुला सकते हैं लेकिन वे भी उतने ही काबिल और अनुभवी हैं. वे इस तरह का क्रिकेट खेलते हैं जो आपके लिए काफी मुश्किल होता है लेकिन हमारे सामने अब यही चुनौती है.'

टिम साउदी पिछले दौरों से ले रहे सबक

 

स्टीड ने बताया कि पूर्व कप्तान टिम साउदी भारत के अपने पिछले दौरों की फुटेज देखकर काम कर रहे हैं. साउदी की प्लेइंग इलेवन में जगह पर खतरा है. उन्होंने हाल ही में श्रीलंका दौरे के बाद कप्तानी छोड़ दी थी. अब टॉम लैथम न्यूजीलैंड के कप्तान हैं.

स्टीड ने साउदी के बारे में बताया, 'टिम के साथ मेरी बातचीत से समझ आया कि उन्होंने जान लिया कि वह अभी सबसे अच्छे रंग में नहीं हैं लेकिन उन्होंने वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है. वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं, वह जो भी बन पड़ रहा है वैसा कर रहे हैं और जो चीज उनके खेल से गायब है उसे पाना चाहते हैं. कुछ तकनीकी पक्ष है जिस पर वह जैकब ओरम के साथ काम कर रहे हैं. हमने भारत के पिछले दौरों के काफी वीडियो देखे हैं.'

न्यूजीलैंड का भारत दौरों पर अभी तक प्रदर्शन निराशाजनक रहा. उसने केवल दो ही टेस्ट यहां पर जीते हैं और आखिरी बार 1988 में कामयाबी मिली थी. इस लिहाज से आगामी सीरीज उसके लिए काफी मुश्किल रहने वाली है.