दिल किया कि चाचू को बोलूं, मेरी क्या गलती थी? दिग्गज क्रिकेटर से तुलना पर पाकिस्तानी बल्लेबाज ने निकाली भड़ास

दिल किया कि चाचू को बोलूं, मेरी क्या गलती थी? दिग्गज क्रिकेटर से तुलना पर पाकिस्तानी बल्लेबाज ने निकाली भड़ास

पाकिस्तान क्रिकेट की बात करें तो देश के सबसे बड़े बल्लेबाजों में शूमार इंजमाम उल हक का नाम हमेशा लिया जाता है. न केवल उन्होंने पाकिस्तान को 1992 क्रिकेट विश्व कप जीतने में मदद करने में एक युवा खिलाड़ी के रूप में बड़ी भूमिका निभाई बल्कि 2003 से 2007 तक चार साल के लिए उन्होंने टीम की कमान भी संभाली. इंजमाम को पाकिस्तानी फैंस और मीडिया काफी ज्यादा पसंद करती है. लेकिन इंजमाम के लिए उनके भतीजे इमाम उल हक के लिए सबकुछ उलट हो गया. पाकिस्तान के फैंस को इस बल्लेबाज से बेहद ज्यादा उम्मीदें थीं लेकिन वो इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए.

मुझे मेरी गलती नहीं पता
इमाम उल हक ने पाकिस्तान क्रिकेट के साथ खास बातचीत की जिसमें उन्होंने कई अहम सवालों के जवाब दिए. इंजमाम से तुलना पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, सच कहूं तो कई बार मुझे ऐसा लगता था कि जाकर मैं चाचू को बोल दूं कि भतीजा हूं तो इसमें मेरी क्या गलती है. कुछ अनचाही चीजें आपके जीवन में आती है. लोग कहते हैं कि मैंने उनको अच्छी तरह से हैंडल किया. हालांकि मैं ऐसा नहीं कर पाया था, मैं सिर्फ फ्लो में चलता रहा.

बाबर ने दिया है साथ
इमाम ने कहा कि मैं एक लंबे प्रोसेस के बाद टीम में आया था. अंडर 19 वर्ल्ड कप खेलने के अलावा मैंने 45 फर्स्ट क्लास मैच खेले थे और जब टीम में शामिल किया गया था तब कायदे आजम ट्रॉफी में मेरा औसत 50 का था. शुरुआत में यह दबाव मैं नहीं खेल पाया था और पता नहीं था कि करना है. बाबर आजम का नाम यहां लेना चाहूंगा, उन्होंने मुझे सपोर्ट किया. हमने काफी क्रिकेट एक साथ खेली है. अगर उनको कुछ समस्या आती है, तब भी हम दोनों चर्चा करते हैं. हम सभी फाइटर हैं और आसानी से हार नहीं मानते. मेरे साथ कुछ अच्छे लोग थे और मैं मेहनत करता चला गया.