अजिंक्य रहाणे ने रणजी ट्रॉफी में हैदराबाद के खिलाफ दोहरा शतक लगाया. उन्होंने इसके जरिए भारतीय टीम में वापसी की अपनी उम्मीदों को पंख दिए हैं. उन्होंने 261 गेंद में 26 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 204 रन बनाए. हालांकि रहाणे का मानना है कि उन्होंने भारत के लिए खेलने का सपना छोड़ा नहीं था. साथ ही हालिया समय में उनकी, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली की औसत में आई कमी के लिए भारतीय पिचों को दोष दिया. रहाणे ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'उनके खेलने के तरीके में कोई दिक्कत नहीं थी. हम पिछले तीन साल से भारत में खेल रहे थे. यदि आप नंबर तीन, चार या पांच पर बैटिंग करने वाले खिलाड़ियों की औसत देखोगे तो पता चलेगा कि इसमें विकेट्स के चलते कमी आई है. पुज्जी-विराट और मेरी औसत में कमी आई है.'
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि ज्यादा दिक्कतें थीं. ऐसा नहीं था कि हम हर बार गलतियां कर रहे थे. कभी-कभी विकेट ऐसे थे, यह एक्सक्यूज नहीं है लेकिन सबने देखा कि भारत में किस तरह के विकेट हैं. एक बल्लेबाज के तौर पर मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करना मुश्किल होता है. ओपनर के लिए आसान होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि गेंद हार्ड होती है लेकिन जब एक बल्लेबाज आउट होता है तो हम सोचते हैं कि कहां गलती हुई.'
तीन साल में कैसा रहा है रहाणे का खेल
34 साल के रहाणे ने अभी तक भारत के लिए 82 टेस्ट खेले हैं और इनमें से पिछले तीन साल में उन्होंने 17 भारत में खेले हैं. 2020-21 के सीजन में आठ टेस्ट की 14 पारियों में उनकी औसत 29.23 की थी जो 2021 में गिरकर पांच टेस्ट की नौ पारियों में 19 पर आ गई. 2021-22 के सीजन में चार टेस्ट की आठ पारियों में उनकी औसत 21.87 की थी. उनका इकलौता शतक 2021 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आया था. पिछले तीन साल में उन्होंने दो अर्धशतक भी बनाए. फरवरी 2021 के बाद से खेले गए 17 टेस्ट में से पांच भारत में हुए जहां भारतीय टीम का सामना इंग्लैंड और न्यूजीलैंड से हुआ. इनकी नौ पारियों में रहाणे केवल एक फिफ्टी लगा सके.
रहाणे का कहना है कि उन्हें किसी को कुछ साबित नहीं करना है. उन्होंने कहा, 'मैं किसी को कुछ भी साबित नहीं करना चाहता लेकिन एक बात तय है कि मैं हार नहीं मानूंगा.'