Ranji Trophy 2022-23
रणजी ट्रॉफी फाइनल: चिराग-अर्पित ने बंगाल को बैकुफट पर ढकेल हासिल की 143 रन की लीड, सिर्फ 5 विकेट ही ले पाई तिवारी की सेना
रणजी ट्रॉफी फाइनल (Ranji Trophy Final) के दूसरे दिन सौराष्ट्र (Saurashtra) की टीम ने खुद को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है. बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने पहला दिन खत्म होने के बाद कहा था कि उनके गेंदबाज सौराष्ट्र को अगले 60 रन के भीतर समेट देंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक सौराष्ट्र की टीम ने 5 विकेट के नुकसान पर 317 रन बना लिए हैं और बंगाल पर 143 रन की लीड चढ़ा दी है. सौराष्ट्र की टीम का स्कोर एक समय 4 विकेट के नुकसान पर 109 रन था और इस दौरान बंगाल की टीम पूरी तरह मैच में थी.
Ranji Trophy Final: टीम इंडिया से बाहर होते ही सौराष्ट्र के गेंदबाज का गदर, 174 पर सिमटा बंगाल, कोहली के दोस्त ने ठोके 69 रन
रणजी ट्रॉफी फाइनल (Ranji Trophy Final) की शुरुआत के पहले ही दिन बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने कहा था कि उन्हें एक ऐसी पिच चाहिए जिसपर पेस और बाउंस हो. लेकिन बंगाल के बल्लेबाजों के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसे देख खुद मनोज तिवारी ही चौंक गए. बंगाल के बल्लेबाजों के फ्लॉप शो का नतीजा ये रहा कि पूरी टीम 174 पर ऑलआउट हो गई. मैच के बाद मनोज तिवारी बेहद आत्मविश्वास से लैस नजर आए और उन्होंने कहा कि, वो सौराष्ट्र की टीम को और 60 रन के भीतर ऑलआउट कर सकते हैं. बंगाल के 174 के जवाब में सौराष्ट्र की टीम ने 2 विकेट के नुकसान पर 81 रन बनाए लिए हैं और टीम 93 रन से पीछे चल रही है. पहले दिन का स्टम्प्स हो चुका है और हार्विक देसाई 38 रन बनाकर खेल रहे हैं.
फिर टूटे हाथ से बल्लेबाजी के लिए मैदान पर आए हनुमा विहारी, तलवार की तरह भांजा बल्ला, एक हाथ से जड़ा चौका, VIDEO
टीम इंडिया के क्रिकेटर हनुमा विहारी फिलहाल सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं. हनुमा विहारी का कभी हार न मानने वाला एटीट्यूड सुर्खियों में है. बायां हाथ टूटने के बावजूद विहारी हार नहीं मान रहे और हर बार मैदान पर बल्लेबाजी के लिए उतर रहे हैं. रणजी ट्रॉफी के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में आंध्र प्रदेश और मध्यप्रदेश के बीच मुकाबला खेला जा रहा है. आंध्रा की दूसरी पारी के दौरान विहारी 11वें खिलाड़ी के रूप में बल्लेबाजी के लिए आए. उस दौरान टीम का स्कोर 9 विकेट के नुकसान पर 76 रन था. फिर हनुमा क्रीज पर आए और ये बल्लेबाज दाएं हाथ से बाएं हाथ का बल्लेबाज बन गया जिससे उनका बायां हाथ सलामत रहे.