रणजी ट्रॉफी 2022 में एक दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला. खराब पिच की वजह से पहले एक मुकाबला बीच में ही रोका गया और फिर इसे सस्पेंड कर दिया गया. लेकिन मैच को दोबारा शुरू कराया गया और नए सिरे से टॉस हुआ. जो मैच चार दिन तक चलने वाला था वो अब दो दिन ही खेला जाएगा क्योंकि दो दिन का समय पहले खराब हो गया. यह मुकाबला रेलवे और पंजाब के बीच हो रहा है. दिल्ली के करनैल सिंह स्टेडियम की खराब पिच की वजह से यह सब हुआ. मैच अधिकारियों ने पिच के खतरनाक और खेल के उपयुक्त नहीं होने के चलते मुकाबले को रोक दिया था. दोबारा से जब मैच शुरू हुआ तब पंजाब ने टॉस जीता और पहले बॉलिंग चुनी. पहले बैटिंग करते हुए रेलवे की हालत खराब हो गई और 53 रन पर उसकी आधी टीम आउट हो गई. सिद्धार्थ कौल ने सर्वाधिक तीन विकेट लिए.
इस मुकाबले में पहले दो दिन के चार सेशन के अंदर 103 ओवर्स में ही 24 विकेट गिर गए. इनमें से 20 विकेट सीमर्स को मिले. पंजाब ने पहली पारी में 162 रन बनाए और पहली पारी के आधार पर 12 रन की बढ़त ली. दूसरी पारी में जब टीम 18 रन पर चार विकेट गंवाकर जूझ रही थी तब मैच को सस्पेंड कर दिया गया. मैदानी अंपायर के मदनगोपाल और राजीव गोदारा ने मैच रेफरी युवराज सिंह को पिच के बारे में बताया. पंजाब के कप्तान मनदीप सिंह और रेलवे के कप्तान कर्ण शर्मा के साथ भी बात की गई.
अभिषेक शर्मा क्या बोले
पंजाब के बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने पीटीआई से कहा, ‘मैंने रणजी ट्रॉफी में इससे पहले कभी इस तरह का विकेट नहीं देखा. पिच से गेंद के उछाल का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था जिसके कारण यह काफी असुरक्षित थी. हमें बताया गया है कि मैच नई पिच पर खेला जाएगा. अंपायरों और मैच रैफरी ने आज के दिन का खेल रद्द करने और कल नई शुरुआत करने का सही फैसला किया है. खिलाड़ियों ने इस मैच की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत की थी इसलिए इस तरह की पिच देखकर निराश हैं.’
पहले लग चुका है बैन
पहले भी करनैल सिंह स्टेडियम की पिच गलत कारणों से खबरों में रही है. बीसीसीआई की तकनीकी समिति ने खराब पिच तैयार करने के कारण 2011 में इस स्टेडियम को निगरानी सूची में डाला था. एक साल बाद आयोजन स्थल के मैचों की मेजबानी करने पर दो साल का प्रतिबंध लगा दिया गया क्योंकि समिति ने पाया कि स्थानीय क्यूरेटर रेलवे की मदद करने के लिए जानबूझकर ऐसे विकेट बनाते थे जो पूरी तरह से तैयार नहीं होता था. टीम को इसके कारण अपने घरेलू मैच भुवनेश्वर में कराने पड़े.