बेहतरीन फॉर्म में चल रही बंगाल टीम (Bengal Ranji Team) रणजी ट्रॉफी फाइनल (Ranji Trophy Final) में जीत दर्ज करके 32 साल बाद चैंपियन बनने की कोशिश करेगी. इसके लिए उसे जयदेव उनादकट (Jaydev Unadakat) की वापसी से मजबूत बनी सौराष्ट्र टीम (Saurashtra Ranji Team) की कड़ी चुनौती से पार पाना होगा. फाइनल मुकाबला कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेला जाएगा. बंगाल न केवल जीत के लिए भूखा होगा बल्कि वह बदला चुकता करने की कोशिश भी करेगा. बंगाल ने 2020 में रणजी फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन तब राजकोट में उसे सौराष्ट्र ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर हरा दिया था.
ये दोनों टीम फिर से एक दूसरे के सामने कड़ी चुनौती पेश करेंगी लेकिन इस बार मैच ईडन गार्डन्स होगा जहां बंगाल ने आखिरी बार 1990 में खिताब जीता था. बंगाल की टीम बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभाग में मजबूत है. उसके पास सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन, ऑलराउंडर शाहबाज अहमद और तेज गेंदबाज मुकेश कुमार जैसे खिलाड़ी हैं जो शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. तेज गेंदबाज आकाशदीप ने बंगाल को फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने अब तक नौ मैचों में 37 विकेट लिए हैं जबकि युवा सुदीप घरामी ने 789 रन बनाए हैं और वह टीम की तरफ से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों में दूसरे स्थान पर हैं.
10 हजार रन पूरे करने के पास हैं मनोज तिवारी
तिवारी ने कहा कि उनकी टीम बदला चुकता करने के उद्देश्य से मैदान पर नहीं उतरेगी. उन्होंने कहा, ‘हम इस शब्द का उपयोग नहीं करना चाहते हैं. इसे हासिल करने के लिए हमें निश्चित तौर पर उन्हें हराना होगा. जीत के बाद हम कह सकते हैं कि हमने बदला चुकता कर दिया.’
उनादकट-साकरिया बरपा सकते हैं कहर
जहां तक सौराष्ट्र का सवाल हैं तो बाएं हाथ के तेज गेंदबाज उनादकट और चेतन साकरिया उसके तुरुप के इक्के हैं. ईडन गार्डन्स की घास वाली पिच पर बंगाल के बल्लेबाजों के लिए उनका सामना करना आसान नहीं होगा. उनादकट ने साफ किया तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल पिच पर अपने गेंदबाजों के बलबूते पर बंगाल के लिए जीत दर्ज करना आसान नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘अगर उनके गेंदबाज हमारे बल्लेबाजों के लिए चुनौती हैं तो हमारे गेंदबाज भी उनके बल्लेबाजों के सामने चुनौती पेश करेंगे.’
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