टीम इंडिया के स्टार पेसर मोहम्मद शमी ने एक साल बाद क्रिकेट के मैदान पर कदम रखा और रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए खेलते हुए बवाल काट दिया. शमी ने शानदार गेंदबाजी का ये नतीजा रहा कि उन्होंने मध्यप्रदेश की टीम पर बंगाल को 11 रन से जीत दिला दी. मुकाबले में शमी ने कुल 7 विकेट लिए. इसके अलावा उन्होंने बैटिंग में भी रन बटोरे और एलिट ग्रुप सी मुकाबले में बंगाल के खेमे में जीत डाल दी.
चोट से वापसी करने के बाद शमी ने पहली पारी में क्लास दिखाई और 54 रन देकर कुल 4 विकेट लिए. पहली पारी में बंगाल के पास 61 रन की लीड थी. इसके बाद दिग्गज पेसर ने अपनी बैटिंगह से बंगाल के लिए दूसरी पारी में रन बनाए और 36 गेंद पर 37 रन ठोके. अपनी पारी में शमी ने दो चौके और दो छक्के लगाए. उन्होंने अपने भाई मोहम्मद कैफ के साथ मलकर 39 रन की साझेदारी की. इस तरह बंगाल ने 276 रन ठोके. इस तरह मध्य प्रदेश की टीम को 287 रन का लक्ष्य मिला.
शाहबाज ने जीता प्लेयर ऑफ द मैच अवॉर्ड
फाइनल दिन शमी प्रति ओवर 4 रन लुटा रहे थे लेकिन इस दौरान भी वो बेहद शांत थे और बैलेंस के साथ गेंदबाजी कर रहे थे. एक समय 8वें विकेट के लिए सारांश जैन और आर्यन पांडे के बीच कमाल की साझेदारी हो गई थी और ऐसा लग रहा था कि मैच हाथ से निकल जाएगा. हाालंकि लेफ्ट आर्म स्पिनर शाहबाज अहमद ने 48 रन देकर कुल 4 विकेट लिए और बंगाल की मैच में वापसी करवाई. मध्यप्रदेश को अंत में 14 रन बनाने थे और टीम के पास एक विकेट बचे थे. ऐसे में शमी ने कुमार कार्तिकेय का विकेट लेकर टीम को जीत दिला दी. दूसरी पारी में शमी ने 24.2 ओवर फेंके और 102 रन देकर कुल 3 विकेट लिए. इस दौरान उनकी इकॉनमी 4.19 की थी.
बता दें कि शमी को लेकर बंगाल के कोच लक्ष्मी रत्न शुक्ला भी उनकी तारीफ कर चुके हैं. शुक्ला ने कहा कि मैंने अपने करियर में किसी भी तेज गेंदबाज की इतनी धांसू वापसी नहीं देखी है. ऐसे में मैं शमी को इसका श्रेय देता हूं.