नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना (Suresh Raina) के पिता का रविवार को निधन हो गया. उनकी मौत से पूरे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है. सुरेश रैना के पिता काफी दिनों से बिमार थे और उनका कैंसर का इलाज चल रहा था. रैना के पिता ने अपने आवास पर आखिरी सांस ली जहां सुरेश रैना गाजियाबाद में ही उनकी सेवा में लगे थे. सुरेश रैना के पिता त्रिलोकचंद (Trilokchand) भारतीय सेना में रह चुके थे. उन्हें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बन बनाने की महारत हासिल थी. रैना के पिता जम्मू और कश्मीर के रैनावारी के रहने वाले थे. 32 साल पहले कश्मीरी पंडितों की हत्या के बाद उन्होंने अपना गांव हमेशा के लिए छोड़ दिया था. कहा जाता है कि, कम खर्चे में ही त्रिलोक चंद ने यहां रैना को हर सुविधा दी और उन्हें क्रिकेटर बनाया.
इसके बाद परिवार मुरादनगर कस्बे में बस गया उनके पिता के पास 10,000 रुपये का वेतन था और वह सुरेश के लिए टॉप क्रिकेट कोचिंग की फीस नहीं दे सकते थे. लेकिन किसी तरह रैना अंत में क्रिकेटर बनने में कामयाब रहे. फिर रैना को 1998 में गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ में भर्ती कराया गया. रैना ने कहा कि वह हमेशा इस बात का ध्यान रखते हैं कि किसी भी बात का उल्लेख न करें जो उनके पिता को कश्मीर की त्रासदी के बारे में याद दिलाए.