भारतीय क्रिकेट एक बड़े बदलाव से गुजरने जा रहा है. बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट में बड़े फेरबदल का ऐलान किया है. बीसीसीआई सचिव जय शाह ने घरेलू क्रिकेट में बदलावों को लेकर अपनी कई सिफारिशें रखी है. इसमें रेड-व्हाइट बॉल टूर्नामेंट समेत टॉस को लेकर बदलाव की बातें कही गई हैं. आगामी सीजन की शुरुआत दिलीप ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी के पांच लीग मैचों से होगी और उसके बाद जाकर सफेद गेंद के टूर्नामेंट्स की शुरुआत होगी. इनमें सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी शामिल है. सफेद गेंद के टूर्नामेंट के समापन के बाद जाकर रणजी के बचे हुए मैचों को कराया जाएगा.
नेशनल सेलेक्टर्स चुनेंगे टीम
लाल गेंद के टूर्नामेंट के साथ घरेलू सत्र शुरू करने के अलावा, शाह ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि नेशनल सेलेक्टर्स दलीप ट्रॉफी के लिए टीम चुनें. पहले, जोनल सेलेक्शन कमिटी जिसमें जोन में आने वाले हर राज्य संघ के प्रतिनिधि शामिल होते थे - दलीप ट्रॉफी टीमों का चयन करती थीं, लेकिन अब राष्ट्रीय चयनकर्ता भी यह कर्तव्य निभाएंगे. इसके साथ ही महिला क्रिकेट इंटर-जोनल टूर्नामेंट्स के लिए भी नेशनल सेलेक्टर्स टीम चुनेंगे.
एक और प्रस्ताव में, खिलाड़ियों पर बहुत अधिक ध्यान दिया गया है और कहा गया है कि चार दिन वाले मुकाबलों के बीच पर्याप्त अंतर होगा. भारत के हरफनमौला खिलाड़ी शार्दुल ठाकुर ने शेड्यूल के बीच पर्याप्त अंतर की कमी के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी. ऐसे में अब बोर्ड ने खिलाड़ियों की चिंताओं को सुना है.
अंडर-23 कर्नल सीके नायडू ट्रॉफी से टॉस हटाने की भी सिफारिश की गई है. मेहमान टीम के पास अब पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा. इसके अतिरिक्त, संतुलित प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए ऐज- ग्रुप टूर्नामेंट में एक नई अंक प्रणाली शुरू की जाएगी.
बता दें कि, यदि नई अंक प्रणाली और टॉस न करने का प्रयोग काम करता है तो बहुत संभावना है कि इसे पुरुषों की सीनियर प्रतियोगिताओं में भी लागू किया जाएगा. 2023-24 सीजन में उत्तर में कोहरे और चरम मौसम की स्थिति के कारण बहुत सारे मैच बाधित हुए थे. इससे निपटने के लिए, अब मौसम पर भी चर्चा की जाएगी जिससे ज्यादा से ज्यादा मैच हो सकें. कहा ये भी जा रहा है कि उस दौरान नार्थ में ज्यादा मैचों का आयोजन नहीं करवाया जाएगा.
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