गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के नए हेड कोच बन चुके हैं और इस महीने के आखिर में श्रीलंका दौरे से उनका कार्यकाल शुरू होगा. भारत को श्रीलंका में तीन टी20 और इतने ही वनडे मुकाबले खेलने हैं. इस बीच गौतम गंभीर का एक बयान काफी वायरल हो रहा है जिसमें वह चोटिल खिलाड़ियों के मैनेजमेंट पर अपनी राय रख रहे हैं. साथ ही वे स्पष्ट कर देते हैं कि फॉर्मेट के हिसाब से खिलाड़ी नहीं होने चाहिए. जो भी देश के लिए खेल रहा है उसे तीनों फॉर्मेट में खेलना चाहिए. गंभीर ने टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में राहुल द्रविड़ की जगह भरी है जो टी20 वर्ल्ड कप 2024 के साथ रिटायर हो गए.
गंभीर का स्टार स्पोर्ट्स के साथ बातचीत का वीडियो एक बार फिर से चर्चा में आया है. इसमें उनसे खिलाड़ियों के इंजरी मैनेजमेंट और सभी फॉर्मेट में खेलने को लेकर सवाल किया जाता है. गंभीर इस पर कहते हैं,
मैं इस पर बात मजबूती से भरोसा करता हूं कि अगर आप अच्छे खिलाड़ी हैं तो आपको तीनों फॉर्मेट खेलने चाहिए. मैं कभी भी इंजरी मैनेजमेंट में विश्वास नहीं करता. अगर आप चोटिल हो जाते हैं तो जाकर रिकवर होकर आइए. सीधी सी बात है. इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले बड़े खिलाड़ियों से पूछ लीजिए वे तीनों फॉर्मेट खेलना चाहते हैं. वे नहीं चाहते कि उन्हें कोई लाल गेंद का बॉलर या सफेद गेंद का बॉलर कहे.
गंभीर ने कहा कि खेलते हुए चोटिल होना खिलाड़ियों के करियर का हिस्सा है. उन्होंने कहा,
चोटें खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा हैं. अगर आपको चोट लग जाती है तो आपको रिकवरी के लिए जाना चाहिए और वापस आकर तीनों फॉर्मेट खेलने चाहिए. मैं इस बात में भरोसा नहीं करता कि किसी खिलाड़ी को सिर्फ टेस्ट में खिलाना चाहिए तो किसी को सिर्फ वनडे और टी20. वर्कलोड और इंजरी मैनेजमेंट देखना चाहिए. देखिए, पेशेवर क्रिकेटर के तौर पर आपके पास अपने देश के लिए खेलने की बहुत छोटी सी अवधि होती है और आप जितना हो सके उतना खेलना चाहते हैं. जब आप बहुत अच्छी फॉर्म में हैं तब तो आपको तीनों फॉर्मेट में जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें
जेम्स एंडरसन ने 21 साल के करियर में क्यों IPL के एक भी सीजन में नहीं लिया हिस्सा, बताई थी ये वजह