भारत सरकार ने बीसीसीआई को एक लेटर के जरिए खिलाड़ियों के विज्ञापन संबधी मामलों पर लगाम लगाने का अनुरोध किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि खिलाड़ी तंबाकू और इससे जुड़े प्रोडक्ट का विज्ञापन नहीं करें. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी को लिखे पत्र में कहा है कि बोर्ड की ओर से अलग-अलग टूर्नामेंट के साथ इंडियन प्रीमियर लीग में भी तंबाकू के विज्ञापनों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
भारत सरकार ने BCCI को लिखा लेटर
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक लेटर के जरिए कहा कि हमारे देश में खिलाड़ी खासकर क्रिकेटर युवाओं के लिए आदर्श होते हैं. आईपीएल जैसे टूर्नामेंट के दौरान कुछ बड़े क्रिकेटरों और मशहूर अभिनेताओं की ओर से तंबाकू, शराब और अन्य संबंधित उत्पादों का सरोगेट विज्ञापन करना “निराशाजनक” है. लेटर में मंत्रालय की ओर से कहा गया कि,
इस मुद्दे पर विचार करते हुए बीसीसीआई खिलाड़ियों द्वारा तंबाकू और शराब से संबंधित उत्पादों के इन सरोगेट विज्ञापनों को रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठा सकता है. कुछ सुझाए गए उपाय हैं - तंबाकू विरोधी घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना, बीसीसीआई द्वारा आयोजित या भागीदारी वाले स्टेडियमों या कार्यक्रमों में प्रचार/विज्ञापन न करना, बीसीसीआई के दायरे में आने वाले खिलाड़ियों को तंबाकू और संबंधित उत्पादों के छद्म प्रचार/भागीदारी/विज्ञापन से दूर रहने के निर्देश जारी करना आता है.
भारत सरकार की ओर से आगे इस मामले पर सरोगेट विज्ञापनों की अनुमति नहीं देने की अपील की है. उन्होंने लिखा,
इसके अलावा, यह भी अनुरोध किया जाता है कि बीसीसीआई के खेल आयोजनों, जैसे कि आईपीएल में अन्य मशहूर हस्तियों द्वारा इस तरह के सरोगेट विज्ञापनों की अनुमति न दी जाए. उम्मीद है कि आप इस बात की सराहना करेंगे कि इन छद्म विज्ञापनों में शामिल मशहूर हस्तियों को न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में लाखों युवा रोल मॉडल के रूप में अपनाते हैं.
बता दें कि भारत में तम्बाकू हृदय संबंधी बीमारियों, कैंसर, फेफड़ों की पुरानी बीमारियों और मधुमेह के प्रमुख कारणों में से एक है. दुनिया भर में तम्बाकू से संबंधित मौतों में भारत दूसरे स्थान पर है. ऐसे में मंत्रालय की ओर से ऐसा कदम उठाना जरूरी है.
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