टीम इंडिया में वापसी के लिए मिस्‍ट्री स्पिनर ने बदली अपनी गेंदबाजी, धमाकेदार प्रदर्शन के बावजूद नहीं मिला मौका तो...

टीम इंडिया में वापसी के लिए मिस्‍ट्री स्पिनर ने बदली अपनी गेंदबाजी, धमाकेदार प्रदर्शन के बावजूद नहीं मिला मौका तो...
बांग्‍लादेश के खिलाफ वरुण चक्रवर्ती

Highlights:

बांग्‍लादेश के खिलाफ टीम इंडिया की जीत में वरुण चक्रवर्ती का बड़ा योगदान

तीन साल बाद वापसी करते हुए चक्रवर्ती ने लिए तीन विकेट

भारत और बांग्‍लादेश के बीच ग्‍वालियर में खेले गए तीन मैचों की टी20 सीरीज के पहले मुकाबले में 33 साल के मिस्‍ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने वापसी करते हुए धमाका कर दिया. चक्रवर्ती ने करीब तीन साल बाद टीम इंडिया में वापसी करते हुए तीन विकेट लिए और भारतीय टीम की सात विकेट से जीत में बड़ा योगदान दिया. चक्रवर्ती पिछले काफी समय से इस पल का इंतजार कर रहे थे. उन्‍होंने इस पल के लिए अपनी गेंदबाजी तक बदल दी.

चक्रवर्ती ने ग्‍वालियर टी20 में जीत के बाद खुलासा किया कि उन्‍होंने अपनी गेंदबाजी में बड़ा बदलाव किया है. वो साइड स्पिन गेंदबाज हुआ करते थे, मगर अब वो पूरी तरह से ओवर स्पिन गेंदबाज बन गए हैं और इस बदलाव से उन्‍हें भारतीय टीम में वापसी करने में मदद मिली. 

ओवर स्पिन पर दिया ज्‍यादा ध्यान

मिस्‍ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती का मानना है कि उन्होंने साइड स्पिन करने के बजाय गेंद को अधिक टर्न कराने के लिए ओवर स्पिन पर ध्यान दिया, जिससे उन्हें नेशनल टीम में सफल वापसी करने में मदद मिली. 33 साल के इस खिलाड़ी ने साल 2021 में टी20 वर्ल्‍ड कप में अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था, लेकिन उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिसके कारण वो टीम से बाहर हो गए.

उन्‍होंने कहा-  

मैं साइड स्पिन करने वाला गेंदबाज हुआ करता था, लेकिन अब मैं पूरी तरह से ओवर स्पिन करने वाला गेंदबाज बन गया हूं.  

उन्होंने आगे कहा- 

यह स्पिन गेंदबाजी का एक बारीकी तकनीकी पहलू है, लेकिन इसमें महारत हासिल करने में मुझे दो साल से ज्‍यादा का समय लगा. मैंने तमिलनाडु प्रीमियर लीग और आईपीएल में इस तरह से गेंदबाजी शुरू की. इसके लिए मुझे मानसिक पहलू पर भी काम करना पड़ा. इस तरह की गेंदबाजी करने का सबसे अहम पहलू तकनीकी पक्ष होता है. 

चक्रवर्ती को पिछले दो सीजन में आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया, जिसने उन्हें और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया. उन्‍होंने कहा - 

जब भी किसी टीम की घोषणा होती थी तो मुझे ऐसा लगता था मेरा नाम उसमें क्यों नहीं है. मैं उसके बारे में सोचता रहता था.  इसने मुझे और अधिक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया. मैंने ठान लिया था कि मैं वापसी करने के लिए अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोडूंगा. इसलिए मैंने अधिक से अधिक घरेलू क्रिकेट में खेलने को प्राथमिकता दी और इससे मुझे मदद मिली.