लंका T10 लीग के दूसरे ही दिन पुलिस का बड़ा एक्‍शन, भारतीय टीम मालिक गिरफ्तार, खिलाड़ियों को फिक्सिंग को उकसाने का आरोप

लंका T10 लीग के दूसरे ही दिन पुलिस का बड़ा एक्‍शन, भारतीय टीम मालिक गिरफ्तार, खिलाड़ियों को फिक्सिंग को उकसाने का आरोप
लंका टी10 लीग में मैच फिक्सिंग

Highlights:

लंका टी10 लीग के दूसरे दिन पुलिस का बड़ा एक्‍शन

गॉल मार्वल्स के सह मालिक को किया गिरफ्तार

मालिक पर मैच फिक्सिंग पर आरोप

भारतीय फ्रेंचाइज मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरफ्तारी से क्रिकेट की दुनिया में सनसनी मच गई है. लंका टी10 सुपर लीग 2024 में गॉल मार्वल्स फ्रेंचाइज के  सह-मालिक भारत के प्रेम ठाकुर को मैच फिक्सिंग के सिलसिले में श्रीलंकाई खेल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. एक विदेशी खिलाड़ी ने प्रेम ठाकुर के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद बड़ा एक्‍शन लिया गया. लीग की शुरुआत 11 दिसंबर को हुई थी और दूसरे दिन ही एक फ्रेंचाइज मालिक की गिरफ्तारी हो गई.

पहले दिन लीग में तीन मुकाबले खेले गए थे. जिसमें गॉल मार्वल्‍स भी मैदान पर उतरी थी और उसने जीत दर्ज. 12 दिसंबर को भी टीम को अपना दूसरा मैच खेलना था. टीम मैदान पर उतरने की तैयारी कर रही थी, मगर इससे पहले ही प्रेम ठाकुर  की गिरफ्तारी की खबर ने खलबली मचा दी. इससे बाद गॉल की टीम भी मैच नहीं खेल पाई. बारिश के कारण मुकाबला धुल गया था.

ऑफर रिजेक्‍ट करने वाले खिलाड़ियों ने की शिकायत

श्रीलंकाई और वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों समेत कई खिलाड़ियों ने लंका टी10 लीग में गॉल मार्वल्स टीम के सह-मालिक प्रेम ठाकुर पर उन्हें मैच फिक्सिंग में शामिल करने का कोशिश करने का आरोप लगाया है. ठाकुर के ऑफर को रिजेक्‍ट करने वाले खिलाड़ियों ने इस घटना की शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक इकाई से की. जांच के बाद ठक्कर को गिरफ्तार कर लिया गया और शुक्रवार 13 दिसंबर को अदालत में पेश किया जाएगा. अधिकारी अब लीग के भीतर एक बड़े मैच फिक्सिंग नेटवर्क चलने की संभावना की जांच कर रहे हैं. हालांकि श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, मगर लंका टी10 लीग की टूर्नामेंट निदेशक सामंथा डोडानवेला ने पुष्टि की है कि टूर्नामेंट योजना के अनुसार ही होगा. 


लंका टी10 लीग पहले ही विवादों में है, जिसमें हाल में मैच फिक्सिंग के आरोप भी शामिल हैं. श्रीलंकाई क्रिकेट में करप्‍शन का ये पहला मामला नहीं है. इस साल की शुरुआत में स्पिनर प्रवीण जयविक्रमा को मैच फिक्सिंग के लिए संपर्क किए जाने की रिपोर्ट न करने के कारण आईसीसी ने एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था, जिसमें छह महीने का निलंबन भी शामिल था. 

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