हरमनप्रीत कौर लंबे समय से खिताब के करीब पहुंचकर चूकने के अहसास से परेशान हैं लेकिन भारतीय कप्तान को लगता है कि उनकी टीम ने तीन से 20 अक्टूबर तक यूएई में होने वाले महिला टी20 विश्व कप में खिताब जीतने की दावेदारी पेश करने के लिए अच्छी तैयारी की है. वर्ष 2009 में टूर्नामेंट की शुरुआत के बाद से भारत केवल एक बार 2020 में फाइनल में पहुंचने में सफल रहा है और तब वे ऑस्ट्रेलिया से हार गए थे. भारत 2017 में महिला एकदिवसीय विश्व कप फाइनल भी खेला और वहां भी उप विजेता रहा. हरमनप्रीत दोनों टीमों का हिस्सा रहीं और उन्होंने 2020 टी20 विश्व कप में टीम का नेतृत्व भी किया था.
टीम ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में एक व्यापक तैयारी शिविर में हिस्सा लिया जहां खिलाड़ियों ने फिटनेस और क्षेत्ररक्षण में बहुत समय बिताया. ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां टीम अतीत में कमज़ोर रही है. प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य कोच अमोल मजूमदार और मुख्य चयनकर्ता नीतू डेविड भी मौजूद थे. अब तक सभी टी20 विश्व कप में खेलने वाली हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘एशिया कप के दौरान हमने अच्छी क्रिकेट खेली, एक दिन चीजें योजना के अनुसार नहीं हुईं.’’
मैं आज भी 19 साल के क्रिकेटर की तरह खेलती हूं: हरमनप्रीत
हरमनप्रीत ने अपने लगभग डेढ़ दशक के करियर में कई वैश्विक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया लेकिन उन्हें लगता है कि वह अब भी अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप की तरह ही उत्साहित हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि मैंने कई विश्व कप खेले हैं लेकिन मेरे अंदर उतना ही उत्साह है जितना 19 साल की उम्र में था.’’
हरमनप्रीत की टीम को मुख्य चुनौती इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया से मिलेगी जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में भी आईसीसी प्रतियोगिताओं में भारत को हराने का तरीका ढूंढ लिया है. मुख्य कोच मजूमदार में बेंगलुरू में ट्रेनिंग शिविर पर अधिक प्रकाश डाला. मजूमदार ने कहा, ‘‘हमने कुछ चीजों की पहचान की (श्रीलंका से हार के बाद) और हमने अगले शिविर में इन पर काम किया. हमने पहले फिटनेस और क्षेत्ररक्षण शिविर लगाया. फिर हमने 10 दिन का कौशल शिविर लगाया. हमने एक खेल मनोवैज्ञानिक (मुग्धा बावरे) को भी बुलाया. वह टीम के साथ शानदार रहीं.’’