रतन टाटा के नाम से वायरल एक 'कोट' ने कैसे बदल दी सनसनी मचाने वाले तेज गेंदबाज मयंक यादव की जिंदगी?

रतन टाटा के नाम से वायरल एक 'कोट' ने कैसे बदल दी सनसनी मचाने वाले तेज गेंदबाज मयंक यादव की जिंदगी?
रतन टाटा के फेक कोट ने मयंक यादव को प्रेरित किया था

Story Highlights:

रतन टाटा ने काफी लोगों को प्रेरित किया

मयंक यादव भी रतन टाटा के एक फेक कोट से काफी प्रभावित हैं

देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं रहे. उन्‍होंने बीते दिन देर रात आखिरी सांस ली. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा 86 साल के थे. उनके निधन से पूरे देश में शोक है. उन्‍होंने अपने कमाल के व्‍यक्तित्‍व से हर उम्र के लोगों को प्रेरित किया. जिनमें अपनी गेंदबाजी से सनसनी मचाने वाले मयंक यादव भी शामिल हैं. मयंक यादव की जिंदगी बदलने में रतन टाटा के नाम से वायरल हुए एक कोट का बहुत बड़ा हाथ रहा. 

फेक कोट से कैसे बदली मयंक की जिंदगी?

नौकरी के ऑफर को रिजेक्‍ट करने के कारण मयंक के कोच उनसे नाराज भी थे. चोट के कारणा करियर खत्म होने का भी डर था. कोविड-19 के दौरान अनिश्चितता के साथ-साथ यह सब और भी चिंता का कारण बन गया. ऐसे में उन्‍होंने अपने जीवन को समझने की कोशिश करने के लिए भगवद गीता पढ़ना शुरू कर दिया. मयंक यादव का कहना हैं कि सोशल मीडिया पर रतन टाटा का एक कोट देखने के बाद ही उनका जीवन बदल गया. इंडियन एक्‍सप्रेस के पुराने इंटरव्‍यू के अनुसार मयंक यादव ने कहा- 

मैंने कहीं पढ़ा कि रतन टाटा ने कहा- मैं सही फैसला लेने में विश्वास नहीं करत. मैं फैसला लेता हूं, फिर उन्हें सही बनाता हूं. ये बात मुझे क्लिक हो गई. 


रतन टाटा के इस कोट के बारे में बात करे तो Google सर्च में उनका एक इंटरव्‍यू आया, जिसमें एंकर ने उनसे इसी कोट को लेकर सवाल पूछा था. इसका खुलासा हुआ कि रतन टाटा ने कभी भी ये शब्द नहीं कहे थे और यह सोशल मीडिया पर उनके नाम से वायरल एक बयान मात्र था. 

मयंक सादव ने बीते दिनों ही बांग्‍लादेश के खिलाफ टी20 मैच से टीम इंडिया की तरफ से इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा. अपने करियर के शुरुआती दोनों मैचों में उन्‍हें एक- एक सफलता मिली.