भारत के पूर्व क्रिकेटर और कोच रवि शास्त्री की सलाह को नजरअंदाज करना ऑस्ट्रेलिया को भारी पड़ सकता है. ऑस्ट्रेलियाई टीम को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. दरअसल ऑस्ट्रेलियाई टीम जून में लॉर्ड्स के मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलेगी और शास्त्री का मानना है कि फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को स्कॉट बोलैंड की जगह अनुभवी तेज गेंदबाज जॉश हेजलवुड को चुनना चाहिए, क्योंकि दिग्गज ग्लेन मैकग्रा की तरह गेंदबाजी करने वाला यह लंबे कद का खिलाड़ी इंग्लैंड की परिस्थितियों का बेहतर तरीके से उपयोग कर पाएगा.
यह बहुत कठिन विकल्प होगा. अगर हेजलवुड फिट होते हैं, तो उन्हें बोलैंड से ऊपर तरजीह मिलनी चाहिए.
आईपीएल में की वापसी
हेजलवुड अपने करियर में चोट की वजह से कई बार टीम से बाहर रहे हैं. वह चोट के कारण भारत के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पांच में से तीन मैच में नहीं खेल पाये थे. ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज को 3-1 से जीता था. वह इसके बाद श्रीलंका दौरे और चैंपियंस ट्रॉफी में भी टीम का हिस्सा नहीं थे. उन्होंने आईपीएल 2025 में वापसी की और वह शानदार प्रदर्शन कर हे हैं. बीते दिन ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की तरफ से खेलते हुए उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ चार विकेट लिए थे. शास्त्री ने कहा-
हेजलवुड अगर पूरी तरह से फिट है तो दो वजहों से उन्हें टीम में जगह मिलनी चाहिये. पहला इंग्लैंड की परिस्थितियां उन्हें रास आएगी और दूसरा उनके पास मैक्ग्रा की तरह गेंदबाजी (एक ही लाइन लेंथ की गेंद से बल्लेबाजों को परेशान करना) करने की क्षमता है. लॉर्ड्स की पिच पर एक तरफ से ढलान है और कमेंट्री बॉक्स वाले छोर से गेंदबाजी करते समय में हमें मैक्ग्रा का रिकॉर्ड देखना चाहिए.
मैक्ग्रा ने लॉर्ड्स में तीन टेस्ट में 26 विकेट लिये है जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1997 में 38 रन देकर आठ विकेट लेने का है. शास्त्री ने कहा-
ईमानदारी से कहूं तो वह (मैक्ग्रा) गेंद को दोनों ओर स्विंग करते हुए घातक साबित होते थे और मुझे लगता है कि हेजलवुड अपने कद के साथ कुछ ऐसा ही कर सकते हैं. यह पिच ऑस्ट्रेलिया की तरह तेज नहीं हैं. इसलिए आपको थोड़ी अतिरिक्त ऊंचाई और उछाल की जरूरत होती है. हेजलवुड के पास स्कॉट बोलैंड के मुकाबले ऐसा करने की अधिक क्षमता है.