'चयनकर्ता विलेन नहीं बनना चाहते', रोहित शर्मा और विराट कोहली को लेकर संजय मांजरेकर का फूटा गुस्सा, कहा - इनकी पूजा होती है और ये टीम को नीचे...

'चयनकर्ता विलेन नहीं बनना चाहते', रोहित शर्मा और विराट कोहली को लेकर संजय मांजरेकर का फूटा गुस्सा, कहा - इनकी पूजा होती है और ये टीम को नीचे...
संजय मांजरेकर, रोहित शर्मा और विराट कोहली

Story Highlights:

Sanjay Manjrekar on Rohit-Virat : संजय मांजरेकर भड़के

Sanjay Manjrekar on Rohit-Virat : कोहली और रोहित के लिए कही बड़ी बात

Sanjay Manjrekar on Rohit-Virat : हीरो की पूजा करने वाले कल्चर पर साधा निशाना

Sanjay Manjrekar on Rohit-Virat : ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टीम इंडिया को पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-3 से बुरी तरह हार मिली और इसके बाद से रोहित शर्मा व विराट कोहली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. रोहित शर्मा जहां ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर तीन टेस्ट मैच में सिर्फ 31 रन बना सके और उनके नाम सबसे अधिक 10 रन की पारी रही. वहीं विराट कोहली के नाम पांच टेस्ट मैचों में सिर्फ 190 रन रहे, जिसमें पर्थ टेस्ट मैच में उन्होंने 100 रन की पारी खेली और उसके अलावा कुछ ख़ास नहीं कर सके. अब भारत के पूर्व खिलाडी संजय मांजरेकर ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों की पूजा करने वाले कल्चर पर बड़ा बयान दिया. 

इन खिलाड़ियों के पीछे का सबसे बड़ा कारण भारत में मौजूद आइकॉन संस्कृति और कुछ खिलाड़ियों की हीरो की तरह पूजा करना भी शामिल है. चाहे साल 2011-12 ह या अब, एक ही तरह का परिद्रश्य सामने देखने को मिलता है. हर एक फेमस खिलाडी अपने पूरे करियर में जो करते रहे हैं. वह उसके विपरीत काम करते हुए प्रमुखता से दिखाई देते हैं. जिससे उनके खराब प्रदर्शन के चलते टीम का लेवल नीचे गिर जाता है. जब भी बड़े खिलाड़ियों की बात आती है तो हम एक देश के रूप में तर्कसंगत नहीं रह पाते हैं.

संजय मांजरेकर ने आगे कहा, 

क्रिकेट का लॉजिक विंडो से बाहर चला जाता है. चयनकर्ता बस उम्मीद करते हैं कि वो खिलाड़ी खुद से कोई फैसला कर ले. क्योंकि कोई भी सेलेक्टर विलेन नहीं बनना चाहता है. जिस खिलाड़ी के मिलियन फॉलोवर हो और उसकी पूजा की जाती हो तो वह सभी फैसले लेने से घबराते हैं. 

संजय मांजरेकर ने ऑस्ट्रेलियाई टीम का उदाहरण देते हुए आगे कहा, 

ऑस्ट्रेलिया ने नाथन मैक्स्वीने को बाहर किया और सैम कोंस्टस को लेकर आए. इसके बाद मिचेल मार्श को बाहर करके ब्यू वेबस्टर को मौका दिया. इन दोनों फैसलों से उनको बड़ा फायदा हुआ. अब बताइये कि क्या रोहित शर्मा में इतनी काबिलियत है कि वह अपने फेलियर से होने वाले नुकसान की भारपाई कर सकेंगे. मैं बस इतना चाहता हूं कि चयनकर्ता को खिलाड़ी के नाम नहीं बल्कि काम के आधार पर फैसला करना चाहिए. इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि कौन कितना बड़ा है. उनका काम आसान बनाना चाहिए.

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