Exclusive: 'रोटी खाएंगे या फिर चावल...', सुनील गावस्कर ने बताया 1965 की जंग में कैसे थे भारत के हालात, किस तरह की खाने में कटौती

Exclusive: 'रोटी खाएंगे या फिर चावल...', सुनील गावस्कर ने बताया 1965 की जंग में कैसे थे भारत के हालात, किस तरह की खाने में कटौती
सुनील गावस्कर

Story Highlights:

भारत सरकार ने 7 मई को देशभर में मॉकड्रिल कराने के आदेश दिए हैं.

पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान में तनाव है.

1965 की जंग में भारत की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ था.

पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है. दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात बने हुए हैं. भारत सरकार ने 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल कराने को कहा है. इसके जरिए लोगों को युद्ध होने की स्थिति में बचाव के तरीके बताए जाएंगे और एयर सायरन की जानकारी दी जाएगी. भारत में आखिरी बार 1971 में युद्ध की तैयारी के लिए मॉक ड्रिल कराने की जानकारी मिलती है. भारत के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने तब के हालात के बारे में बताया. उन्होंने स्पोर्ट्स तक यूट्यूब से बात करते हुए जानकारी दी कि 1965 और 1971 में जब पाकिस्तान के साथ जंग हुई थी तब देश में कैसी स्थिति थी और किस तरह से लोगों ने उनका सामना किया था.

गावस्कर ने 1965 की जंग के दौरान लोगों की तैयारी के बारे में कहा,

हमसे कहा गया था कि कम से कम बाहर निकलिए. जहां लोग रहते थे वहां पर शेल्टर बनाए गए थे जहां पर सायरन बनने के बाद लोगों को जाना होता था. वे शेल्टर बेसमेंट में हुआ करते थे. कहा गया था कि अगर आपकी सोसायटी में बेसमेंट है तो वहां जाइएगा.

गावस्कर के परिवार ने की थी खाने में कटौती

 

गावस्कर ने कहा कि किसी भी भारतीय के मन में 1965 की जंग के दौरान कोई डर नहीं था. लोगों को ऑल इंडिया रेडियो के जरिए सारी अपडेट मिलती थी. टीवी बहुत कम हुआ करते थे. तब देश के हालात इतने अच्छे नहीं थे तो प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने लोगों से एक समय ही खाना खाने को कहा था. गावस्कर ने कहा, 'मेरे पिताजी ने कहा कि हम लोग खाना कम खाएंगे. अब एक खाने में रोटी और चावल दोनों को नहीं रखेंगे. या तो रोटी रहेगी या फिर चावल. सरकार ने लेकिन इसके लिए बाध्य नहीं किया था. हमने खुद से ऐसा किया था.'