आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन से पहले मुंबई में आईपीएल टीमों के मालिकों की बैठक हुई. इस बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा ये रहा कि आखिर हर इस बार टीम कितने खिलाड़ियों को रिटेन कर पाएंगी? टीम मालिकों और बीसीसीआई अधिकारियों के साथ हुई चर्चा में सनराइजर्स हैदराबाद की सीईओ काव्या मारन ने भी कुछ बड़ी डिमांड रखी हैं. उनकी डिमांड का उद्देश्य फ्रैंचाइजी के लिए लचीलापन बढ़ाना है. साथ ही ऐसे खिलाड़ियों पर कड़ा एक्शन लिया जाए जो बहाना बनाकर पूरे सीजन में नहीं खेलते. काव्या मारन ने कहा कि चोट के अलावा अगर कोई खिलाड़ी बहाना बनाता है तो उसे बैन कर देना चाहिए.
काव्या मारन की डिमांड
मेगा ऑक्शन से पहले हुई बैठक में काव्या मारन का मुख्य प्रस्ताव है कि ऑक्शन से पहले फ्रैंचाइजी को कम से कम छह रिटेंशन या राइट टू मैच का विकल्प दिया जाए. उन्होंने बताया कि इनका इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है. जैसे कि चार रिटेंशन और दो राइट टू मैच कार्ड, सभी छह रिटेंशन या सभी छह आरटीएम. क्रिकबज्ज की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा,
हर टीम अलग-अलग तरीके से बनाई गई है और अलग-अलग टीमों की कोर ताकत अलग-अलग है. कुछ में मजबूत विदेशी खिलाड़ी हैं, कुछ में मजबूत कैप्ड भारतीय खिलाड़ी हैं और कुछ में मजबूत अनकैप्ड खिलाड़ी है. हमारे मामले में, हमारे पास विदेशी खिलाड़ियों का एक मजबूत कोर है. कैप्ड, अनकैप्ड और ओवरसीज खिलाड़ियों को रिटेन करने की संख्या पर कोई सीमा नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने अभिषेक शर्मा के उदाहरण के साथ आगे कहा,
टीम बनाने में बहुत समय लगता है. युवा खिलाड़ियों को परिपक्व होने में भी काफी समय और निवेश लगता है. अभिषेक शर्मा को अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने में तीन साल लग गए. आप इस बात से सहमत होंगे कि अन्य टीमों में भी ऐसे कई उदाहरण हैं.
ऑक्शन में बिकने के बाद खिलाड़ियों द्वारा बहाने बनाकर खेल से दूर रहने की समस्या पर मारन ने उन खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा. हालांकि इसमें उन नामों को शामिल नहीं किया जाएगा जो चोट के चलते नहीं खेल पा रहे. उन्होंने कहा,
नीलामी में चुने जाने के बाद अगर कोई खिलाड़ी चोट के अलावा किसी अन्य कारण से सीजन खेलने नहीं आता है तो उस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.
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