BCCI Guidelines 10 Points : ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया जबसे 1-3 से हार के बाद लौटी है. उसके बाद से भारतीय क्रिकेट में हलचल का दौर जारी है. अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए सख्त गाइड लाइन बनाई और बोर्ड ने तीन पन्नों में दिशा निर्देश जारी किए हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि क्या है सख्त दिशा निर्देश जिसका सिर्फ जूनियर ही नहीं बल्कि सभी सीनियर खिलाड़ियों को भी पालन करना होगा.
- बीसीसीआई चाहता है कि अब हर एक सीनियर या फिर जूनियर खिलाड़ी को घरेलू क्रिकेट खेलना होगा. इससे सीनियर और जूनियर खिलाड़ी के बीच कनेक्शन बनेगा जबकि घरेलू क्रिकेट का स्तर भी बढ़ेगा.
- अब टीम इंडिया का कोई भी खिलाड़ी ज्यादा सामान नहीं लेकर जाएगा. यानी की अगर आप किसी दौरे पर हैं तो आपको लिमिटेड वजन में ही सामान लेकर जाना होगा.
- टीम इंडिया का अब कोई भी खिलाड़ी कोई भी खिलाड़ी अब पर्सनल स्टाफ, मैनेजर, कुक, को लेकर दौरे पर नहीं जा सकेगा. इसके लिए प्लेयर को बोर्ड से परमिशन लेनी होगी.
- भारत का हर एक खिलाड़ी टीम मैनेजमेंट से बात करके ही अपना पर्सनल सामन सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बेंगलुरु भेज सकेगा. अन्यथा इसका खर्च उसे खुद उठाना होगा.
- टीम इंडिया के हर एक खिलाड़ी को प्रैक्टिस सेशन के दौरान मौजूद रहना होगा और एक वेन्यू से दूसरे वेन्यू पर टीम के साथ ही जाना होगा. इसके लिए पर्सनल कार जैसी व्यवस्था पर लगाम लगी है.
- खिलाड़ी अब किसी सीरीज या दौरे पर विज्ञापन शूट नहीं कर सकेंगे.
- टीम इंडिया के विदेशी दौरे पर अग्गर कोई खिलाड़ी फैमिली के साथ ट्रेवल करना चाहता है और भारत से 45 दिनों तक दूर रहता है तो उनकी पत्नी और 18 साल से छोटी उम्र का बच्चा एक सीरीज में दो हफ्ते के लिए उनके साथ रह सकते हैं. इस दौरान बीसीसीआई रहने का खर्च उठाएगी लेकिन बाकी सारा खर्च खिलाड़ी को उठाना होगा.
- हर खिलाड़ी को दौरे के खत्म होने तक टीम के साथ रहना होगा. अगर सीरीज जल्द खत्म हो जाती है तो भी खिलाड़ी को तय तारीख तक टीम के साथ रहना होगा.
- टीम इंडिया के खिलाड़ी को बीसीसीआई के ऑफिशियल शूट, प्रमोशन, और अन्य तरह की चीजों में हिस्सा लेना होगा.
- बीसीसीआई ने गाइडलाइन्स के अंत में कहा है कि, सभी खिलाड़ियों से उपरोक्त दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपेक्षा की जाती है. अगर कोई खिलाड़ी इसमें से किसी भी चीज का पालन नहीं कर पाता है तो उसे चयन समिति के अध्यक्ष और मुख्य कोच से इसकी परमिशन लेनी होगी. इसके अलावा अगर कोई खिलाड़ी इसमें गलती करते हुए पकड़ा जाता है तो उसपर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है.
बता दें कि अगर कोई खिलाड़ी इन पॉलिसी का सही ढंग से पालन नहीं करता है तो बोर्ड उसे टूर्नामेंट्स, सीरीज और यहां तक की आईपीएल में भी नहीं खेलने देगा. इसके अलावा बोर्ड खिलाड़ियों की सैलरी और उनका कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म कर सकता है.
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