भारत के विस्फोटक ओपनर रहे वीरेंद्र सहवाग के बेटे आर्यवीर सहवाग ने बीसीसीआई की कूच बिहार ट्रॉफी 2024-25 में धूम मचा दी. 21 नवंबर को उन्होंने दिल्ली की ओर से खेलते हुए मेघालय के खिलाफ दोहरा शतक ठोक दिया. अंडर 19 लेवल के मल्टी डे टूर्नामेंट में आर्यवीर ने 229 गेंद में दोहरा शतक लगाया. वे दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 200 रन बनाकर नाबाद रहे. उनकी पारी में 34 चौके और दो छक्के शामिल रहे. आर्यवीर सहवाग ने पहली बार कूच बिहार ट्रॉफी में शतक लगाया है. वे इस पहली बार इस टूर्नामेंट में खेल रहे हैं. सीजन के पले मुकाबले में उन्हें दिल्ली की प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली थी.
आर्यवीर ने पारी की शुरुआत करते हुए दोहरा शतक लगाया. उन्होंने 200 रन की पारी 87.34 की स्ट्राइक रेट के साथ खेली. उन्होंने इस दौरान पहले विकेट के लिए अर्णव बग्गा (114) के साथ 180, विकेटकीपर बल्लेबाज वंश जेटली (43) के साथ 100 रन जोड़े. तीसरे विकेट के लिए वे धन्य नाकरा (98) के साथ 188 रन की अटूट साझेदारी कर चुके हैं. बग्गा ने 108 गेंद का सामना करते हुए 19 चौकों व तीन छक्कों से शतकीय पारी खेली. वहीं नाकरा भी शतक के करीब हैं. वे अभी तक 91 गेंद खेल चुके हैं और इस पारी में 15 चौके व दो छक्के लगा चुके हैं.
सहवाग ने बेटों के क्रिकेटर बनने पर क्या कहा था
17 साल के आर्यवीर पिता की तरह ही दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. वे लेग स्पिन बनाने की कला भी जानते हैं. 2019 में एक इंटरव्यू में वीरेंद्र सहवाग ने कहा था कि उनके बेटों पर क्रिकेटर बनने के लिए कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा था, 'मैं उनमें दूसरा वीरेंद्र सहवाग नहीं देखना चाहते. वे विराट कोहली या हार्दिक पंड्या या एमएस धोनी बन सकते हैं. लेकिन उन्हें क्रिकेटर बनने की जरूरत नहीं है. वे अपना करियर चुनने को लेकर आजाद हैं और हम जितनी होगी उतनी मदद करेंगे. लेकिन मुख्य बात यह है कि वे अच्छे इंसान बने. उस पर कोई समझौता नहीं होगा.'