Kahaani: 'मार ही देना है, आउट नहीं करना', 1976 के उस खूनी टेस्ट की कहानी, जब मैदान बना था अस्पताल!

स्पोर्ट्स तक के एक विशेष एपिसोड में, पूर्व भारतीय क्रिकेटर मदन लाल और विक्रांत गुप्ता ने 1976 के भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए कुख्यात 'ब्लडबाथ' टेस्ट मैच की घटनाओं को याद किया. मदन लाल ने किंग्स्टन के सबाइना पार्क में खेले गए इस मैच के खौफनाक पलों का वर्णन किया, जहां वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों का इरादा विकेट लेने के बजाय भारतीय बल्लेबाजों को चोटिल करना था. यह घटना भारत द्वारा पिछले टेस्ट में 400 से अधिक रनों का पीछा करने के बाद हुई थी, जिसे वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने स्वीकार नहीं किया था. माइकल होल्डिंग जैसे गेंदबाजों ने बिना हेलमेट के खेल रहे भारतीय बल्लेबाजों पर बाउंसरों की बौछार की. इस खतरनाक गेंदबाजी के कारण अंशुमन गायकवाड़, मोहिंदर अमरनाथ और बृजेश पटेल को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जबकि गुंडप्पा विश्वनाथ की उंगली टूट गई. भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी को 97 रन पर पांच विकेट के स्कोर पर दूसरी पारी घोषित करनी पड़ी क्योंकि उनके पास फिट बल्लेबाज नहीं बचे थे. इस मैच को क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है, जिसके बाद वेस्टइंडीज ने चार तेज गेंदबाजों की रणनीति अपनाई और लगभग दो दशकों तक विश्व क्रिकेट पर अपना दबदबा बनाए रखा.

स्पोर्ट्स तक के एक विशेष एपिसोड में, पूर्व भारतीय क्रिकेटर मदन लाल और विक्रांत गुप्ता ने 1976 के भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुए कुख्यात 'ब्लडबाथ' टेस्ट मैच की घटनाओं को याद किया. मदन लाल ने किंग्स्टन के सबाइना पार्क में खेले गए इस मैच के खौफनाक पलों का वर्णन किया, जहां वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों का इरादा विकेट लेने के बजाय भारतीय बल्लेबाजों को चोटिल करना था. यह घटना भारत द्वारा पिछले टेस्ट में 400 से अधिक रनों का पीछा करने के बाद हुई थी, जिसे वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने स्वीकार नहीं किया था. माइकल होल्डिंग जैसे गेंदबाजों ने बिना हेलमेट के खेल रहे भारतीय बल्लेबाजों पर बाउंसरों की बौछार की. इस खतरनाक गेंदबाजी के कारण अंशुमन गायकवाड़, मोहिंदर अमरनाथ और बृजेश पटेल को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जबकि गुंडप्पा विश्वनाथ की उंगली टूट गई. भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी को 97 रन पर पांच विकेट के स्कोर पर दूसरी पारी घोषित करनी पड़ी क्योंकि उनके पास फिट बल्लेबाज नहीं बचे थे. इस मैच को क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है, जिसके बाद वेस्टइंडीज ने चार तेज गेंदबाजों की रणनीति अपनाई और लगभग दो दशकों तक विश्व क्रिकेट पर अपना दबदबा बनाए रखा.