वेस्ट इंडीज का इंग्लैंड दौरा 10 जुलाई से शुरू होने वाला है. 3 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला लॉर्ड्स में खेला जाएगा. लॉर्ड्स टेस्ट दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के करियर का आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला होने वाला है. एंडरसन ने साल 2015 में अपना आखिरी व्हाइट बॉल मैच खेला था. जिसके बाद से वह लगातार सिर्फ टेस्ट मैच खेलते नजर आ रहे हैं. उन्होंने अपनी सफलता का क्रेडिट टेस्ट मैच को ही दिया है. एंडरसन ने अपने फेयरवेल मैच से पहले युवाओं से टेस्ट को ज्यादा तवज्जो देने की अपील की है.
टेस्ट खेलकर महान बने एंडरसन
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन 10 जुलाई से लॉर्ड्स में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने उतरेंगे. इस मैच से पहले एंडरसन ने युवा खिलाड़ियों को वह गुरुमंत्र बताया जिसके जरिए उन्होंने खुद को इतना महान गेंदबाज बनाया. एंडरसन ने युवाओं से अपील की है कि वह सिर्फ टी20 की बजाय टेस्ट मैच पर भी ध्यान दें. क्योंकि आज वह जो कुछ भी हैं टेस्ट मैचों के कारण ही हैं. उनका मानना है कि टी20 में 4 ओवर की गेंदबाजी से पैसे तो कमाय जा सकते हैं लेकिन संतुष्टि नहीं मिलती. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा,
टेस्ट क्रिकेट ही वह वजह है जिसके कारण मैं वह व्यक्ति हूं जो मैं हूं. इसने मुझे बहुत से सबक सिखाए हैं. मुझे लगता है कि एक दिन के क्रिकेट में मेहनत करने से आपको जो संतुष्टि मिलती है, वह खेल में आप जो कुछ भी कर सकते हैं उससे अलग है. मैं जानता हूं कि आप चार ओवर गेंदबाजी करके बहुत पैसा कमा सकते हैं, लेकिन जहां तक व्यक्तिगत रूप से बात है, तो मुझे बाउंड्री पर कैच आउट हुए विकेट लेने से कभी भी वह खुशी या संतुष्टि नहीं मिलेगी जो बल्लेबाज को वास्तव में मेहनत से किसी को आउट करने में मिलती है. मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि अभी भी काफी संख्या में बच्चे मौजूद हैं जो डॉलर के पीछे भागने के बजाय ऐसा ही चाहते हैं.
बता दें कि एंडरसन आखिरी मैच में एक बड़ा कीर्तिमान भी अपने नाम कर सकते हैं. वेस्ट इंडीज के खिलाफ लॉर्ड्स टेस्ट में वह 1000 इंटरनेशनल विकेट लेने वाले पहले तेज गेंदबाज बन सकते हैं. इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्हें 13 विकेट की दरकार है. एंडरसन ने अपने टेस्ट करियर में 187 मैच खेले हैं, इस मामले में उनके आगे 200 टेस्ट मैच खेलने वाले सिर्फ सचिन तेंदुलकर हैं.
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