आईसीसी ने बुधवार 2 अक्टूबर को भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के उल्लंघन के लिए श्रीलंकाई क्रिकेटर प्रवीण जयविक्रमा पर एक साल का प्रतिबंध लगाया है. 26 साले के बाएं हाथ के स्पिनर को आईसीसी के जरिए उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को स्वीकार करने के बाद एक साल के लिए बैन किया गया है, जिसमें छह महीने का निलंबन भी शामिल है. आईसीसी ने खिलाड़ी पर प्रतिबंध लगाने के पीछे की कहानी नहीं बताई लेकिन पुष्टि की कि 'आरोप अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और लंका प्रीमियर लीग से संबंधित हैं'. आईसीसी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि, "जयविक्रमा ने संहिता अनुच्छेद 2.4.7 के तहत उल्लंघन करने की बात स्वीकार की है.
जयविक्रमा ने 2021 में पल्लेकेले में बांग्लादेश के खिलाफ अपने डेब्यू टेस्ट मैच में 11 विकेट लेकर क्रिकेटर जगत को चौंका दिया था. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी के लिए रिकॉर्ड तोड़ आंकड़े बनाए, लेकिन अपनी फॉर्म को बरकरार नहीं रख पाए और सिर्फ पांच टेस्ट मैचों में ही खेल पाए.
प्रवीण का करियर
इस खिलाड़ी ने श्रीलंका के लिए 5 टेस्ट, 5 वनडे और 5 टी20 मैच खेले हैं, लेकिन उनका आखिरी मैच 2022 में था. प्रवीण ने 2021 और 2022 में जाफना किंग्स के लिए लंका प्रीमियर लीग में भी हिस्सा लिया और हाल ही में 2023 में दांबुला सिक्सर्स के लिए खेला. 2024 में, जयविक्रमा ने हाल ही में घरेलू लिस्ट ए टूर्नामेंट में मूर्स के लिए खेला, जहां उन्होंने सिर्फ चार पारियों में 10 विकेट लिए.
ICC ने खुलासा किया कि जयविक्रमा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार करने के बाद एक साल का प्रतिबंध स्वीकार कर लिया है.
आईसीसी ने बयान में कहा, "जयविक्रमा ने एक साल की अयोग्यता अवधि की मंजूरी स्वीकार कर ली है, जिसमें से अंतिम छह महीने निलंबित हैं. आरोप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और लंका प्रीमियर लीग से संबंधित हैं. आईसीसी ने श्रीलंका क्रिकेट के साथ समझौते में संहिता के अनुच्छेद 1.7.4.1 और 1.8.1 के अनुसार काम किया है."
बता दें कि प्रवीण जयविक्रमा को उम्मीद होगी कि वे अपना प्रतिबंध पूरा करके श्रीलंकाई टीम में वापसी करेंगे. श्रीलंका की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम वर्तमान में मुख्य कोच सनथ जयसूर्या के मार्गदर्शन में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रही है.