मेजर ध्यानचंद निर्विवादित रूप से हॉकी के सबसे बड़े खिलाड़ी हैं. उनके नेतृतव में भारतीय हॉकी ने लंबे समय तक राज किया था. लेकिन आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि ओलिंपिक खेलों में वह सर्वाधिक मेडल जीतने वाले खिलाड़ी नहीं हैं. उनसे आगे दो खिलाड़ियों के नाम आते हैं. ये हैं- लेस्ली क्लाउडियस और उधम सिंह. इन दोनों ने कुल चार ओलिंपिक मेडल जीते हैं. इसमें तीन गोल्ड और एक सिल्वर शामिल है. ध्यानचंद के नाम तीन गोल्ड मेडल हैं. उनके अलावा रिचर्ड जेम्स एलन, रंगनाथन फ्रांसिस, रनधीर सिंह जेंटल और बलबीर सिंह सीनियर ने भी तीन-तीन ओलिंपिक गोल्ड जीते हैं.
भारत ने ओलिंपिक में हॉकी में कुल 12 मेडल जीते हैं. इनमें आठ सोने के तमगे भी शामिल हैं. बाकी मेडल में एक रजत और तीन कांस्य पदक हैं. भारत ने 1928 में पहली बार हॉकी में मेडल हासिल किया और टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भी पदक जीता. टीम इंडिया ने 1928 से 1956 तक लगातार छह हॉकी गोल्ड जीते. 1960 में फाइनल में हार मिली जिससे सिल्वर मिला. लेकिन 1964 और 1980 में उसने फिर से सोना जीता. 1968, 1972 और 2020 में कांसा आया.
ध्यानचंद ने दो बार खिलाड़ी और एक बार कप्तान के तौर पर जीता सोना
क्लाउडियस और उधम सिंह ने कब-कब जीते मेडल
भारत की ओर से सर्वाधिक ओलिंपिक मेडल जीतने वाले लेस्ली क्लाउडियस और उधम सिंह के पास चार पदक हैं. क्लाउडियस 1948 से लेकर 1960 तक मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रहे. इस दौरान भारत ने तीन गोल्ड और एक सिल्वर जीता. उधम सिंह 1952 में पहली बार ओलिंपिक खेले और 1964 में आखिरी बार मेडल जीता. उनके पास भी तीन गोल्ड और एक सिल्वर है.
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