Indian women hockey team: भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच यानेक शॉपमैन के बयान से भूचाल आ गया है. शॉपमैन ने एफआईएच प्रो लीग में अमेरिका के खिलाफ भारतीय टीम की जीत के बाद हॉकी इंडिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं. भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच का कहना है कि उन्हें अहसास ही नहीं होता कि उनकी कोई वैल्यू या इज्जत है. शॉपमैन को कोच पद पर करीब ढाई साल हो गए हैं और उनका कहना है कि हर दिन उनके लिए चुनौती होती है.
ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट शॉपमैन का दावा है कि पिछले दो सालों में उन्होंने खुद को अकेला ही महसूस किया है. उन्हें हॉकी इंडिया ने वैल्यू और सम्मान नहीं दिया. भारतीय कोच का कहना है कि महिला टीम को मैंस टीम की तुलना में अलग तरह से ट्रीटमेंट मिलता है. 46 साल की कोच का कहना है कि उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद पद छोड़ देना चाहिए था, क्योंकि उनके लिए मैनेज करना मुश्किल था. हालांकि पद न छोड़ने का उन्हें कोई मलाल भी नहीं है.
अधिकारियों से डील करना मुश्किल
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार शॉपमैन ने बताया कि वो हॉकी इंडिया के अधिकारियों से कैस डील करती हैं. कोच ने बताया कि बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि वो एक ऐसे क्लचर से आती हैं, जहां महिलाओं की वैल्यू होती हैं और उनका सम्मान किया जाता है और उन्होंने वैसा कुछ यहां महसूस नहीं किया. शॉपमैन जनवरी 2020 में बतौर एनालिटिकल कोच भारत आई थीं. उस वक्त टीम के मुख्य कोच शोर्ड मारिन थे. शॉपमैन ने कहा-
मुझे लगता है कि जो इस गेम को चला रहे हैं, उनके लिए मेरी कोई वैल्यू नहीं है. जब मैं सहायक कोच थीं, उस समय तो कुछ लोग मेरी तरफ देखते तक नहीं थे, जवाब तक नहीं देते थे. उसके बाद मैं मुख्य कोच बन गईं और अचानक लोगों की मेरे में दिलचस्पी हो गईं. मैंने काफी संघर्ष किया है.
टीम ने कभी नहीं की शिकायत
कोच ने कहा कि उन्हें और मैंस टीम के कोच, विमंस टीम और मैंस टीम को अलग तरह से ट्रीट किया जाता है, मगर विमंस टीम ने कभी शिकायत नहीं की. टीम बहुत मेहनत करती हैं. भारतीय महिला टीम नई चीजों को सीखना चाहती हैं. एफआईएच प्रो लीग में दुनिया की तीसरे नंबर की टीम ऑस्ट्रेलिया को हराकर उलटफेर करने के एक दिन बाद भारतीय महिला हॉकी टीम ने अमेरिका को शूटआउट में 2-1 से हराया. भारत ने घरेलू सरजमीं पर अपना एफआईएच प्रो लीग अभियान पांच हार और तीन जीत से समाप्त किया. इन तीन में से दो जीत अमेरिका के खिलाफ और एक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली.
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