जूनियर पुरूष हॉकी विश्व कप (FIH Junior Hockey World Cup) के पिछले मैच में नीदरलैंड्स पर शानदार जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम उस लय को सेमीफाइनल में कायम नहीं रख सकी और जर्मनी ने एकतरफा मुकाबले में उसे 4-1 से हराकर तीसरी बार जूनियर पुरूष हॉकी विश्व कप जीतने का सपना तोड़ दिया. इस मैच के दौरान भारतीय टीम के खिलाड़ी जर्मनी के मजबूत डिफेंस में सेंध नहीं लगा सके और 13 पेनल्टी कॉर्नर पर एक भी गोल नहीं कर सके. यही मैच का टर्निंग पॉइंट रहा. जिसके चलते हार के साथ भारतीय जूनियर हॉकी टीम खिताब से दूर हो गई.
भारत ने गंवाए गोल करने के 13 मौके
क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड्स के सामने दो गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करने वाली भारतीय टीम के पास जर्मनी के मजबूत डिफेंस और चुस्त आक्रमण का जवाब नहीं था. जर्मनी ने चारों क्वार्टर में एक-एक गोल किया और भारत के लिये एकमात्र गोल चिरमाको सुदीप ने 11वें मिनट में दागा. जबकि जूनियर भारतीय हॉकी टीम को पहले हाफ में जहां 10 पेनल्टी कॉर्नर मिले और उसमें से एक को भी गोल में तब्दील नहीं कर सकी. इसके बाद अगले दो क्वार्टर यानि अंतिम हाफ में भारत को तीन पेनल्टी कॉर्नर और मिले लेकिन उसमें भी भारतीय खिलाड़ी गोल करने में नाकाम रहे. इस तरह भारत की जूनियर हॉकी टीम 13 पेनल्टी कॉर्नर में जहां एक भी गोल नहीं कर सकी. वहीं जर्मनी ने दो पेनल्टी कॉर्नर मिलने पर दोनों को गोल में तब्दील करके भारतीय टीम को हार के लिए मजबूर कर डाला.
जर्मनी ने हमेशा हराया
इस साल भारत का सामना जर्मनी से पांच बार हुआ है और पांचों बार उसे पराजय का सामना करना पड़ा. पिछली बार जोहोर कप सेमीफाइनल में जर्मनी ने उसे 6-3 से हराया था. भुवनेश्वर में जूनियर विश्व कप 2021 में भी जर्मनी ने सेमीफाइनल में भारत को 4-2 से शिकस्त दी थी.
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(इनपुट- भाषा)