भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को लेकर सबसे बड़ी खबर आ रही है. पहले कहा जा रहा था कि उनके केस पर 10 अगस्त को फैसला आएगा. लेकिन अब इसे टाल दिया गया है. अब विनेश पर फैसला 13 अगस्त को रात 9:30 बजे तक आएगा. विनेश फोगाट को गोल्ड मेडल मुकाबले से पहले ही 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के चलते डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था. कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स अभी और समय लेना चाहता है जिसके बाद ही इस फैसले का ऐलान किया जाएगा. हालांकि इसमें देरी का मतलब ये भी समझा जा रहा है कि क्या विनेश के पाले में ये फैसला आ सकता है. विनेश ने डिस्क्वालीफाई होने के तुरंत बाद ही अपील कर दी थी.
बता दें कि सीएएस के एडहॉक डिवीजन ने विनेश फोगाट बनाम यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति मामले में एकमात्र एब्रिटेटर डॉ. एनाबेले बेनेट के लिए फैसला जारी करने हेतु 13 अगस्त, 2024 को शाम 6 बजे तक का समय बढ़ा दिया है. 9 अगस्त को CAS ने 3 घंटे तक इस मामले की सुनवाई की थी. इस दौरान विनेश भी वर्चुअली मौजूद रहीं. भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की ओर से सीनियर वकील हरीश साल्वे ने विनेश का पक्ष रखा.
इससे पहले कोर्ट ऑफ आर्ब्रिटेशन फॉर स्पोर्ट्स ने कहा था कि हम विनेश के केस में तेजी से काम कर रहे हैं. लेकिन उनकी अपील पर एक घंटे में फैसला देना संभव नहीं है. इस मामले में पहले यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का पक्ष सुना जाना जरूरी है. और ये फैसला डॉक्टर एनाबेल बेनेट को करना है.
नीता अंबानी और हॉकी टीम का भी मिला साथ
बता दें कि पेरिस ओलिंपिक के फाइनल में विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होने के बाद, अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) की सदस्य नीता अंबानी ने शनिवार को पहलवान को "सच्ची योद्धा और विजेता" कहा. नीता अंबानी ने कहा, "मैं अब एक युवा लड़की (विनेश) को सलाम करना चाहूंगी जो आज यहां मौजूद नहीं है. लेकिन उसके जज्बे ने पूरे देश को प्रेरित किया है. वह एक सच्ची योद्धा और विजेता है, न केवल रिंग में बल्कि जीवन में भी. हमारी धरती की एक बहुत बहादुर बेटी और चैंपियनों की चैंपियन."
बता दें कि नीता अंबानी के अलावा भारतीय हॉकी के दिग्गज और पेरिस ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता पीआर श्रीजेश ने भी पहलवान विनेश फोगाट के प्रदर्शन की सराहना की. उन्होंने कहा कि, विनेश फोगाट ने जो किया वह बहुत बड़ी बात है. पिछले साल उन्हें बहुत कुछ सहना पड़ा था, लेकिन उन्होंने खेल भावना दिखाई और पेरिस ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचीं. "हम सभी के लिए यह जानना वाकई चौंकाने वाला था कि फाइनल में पहुंचने के बाद भी उन्हें पदक नहीं मिलने वाला था. हम सभी उनके साथ खड़े हैं और हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि पॉजिटिव परिणाम आए और हमें रजत पदक मिले.'
फोगाट के वकीलों ने दिए ये तर्क
- उसने कोई धोखाधड़ी या जालसाजी नहीं की.
- उनका वजन शरीर की स्वाभाविक रिकवरी प्रक्रिया के चलते बढ़ा.
- अपने शरीर का ध्यान रखना हरेक एथलीट का बुनियादी अधिकार है.
- उनका वजन प्रतियोगिता के पहले दिन तय सीमा में था और वजन इस वजह से बढ़ा क्योंकि रिकवरी करनी थी और यह धोखाधड़ी नहीं है. यह उनका बुनियादी अधिकार है कि वह शरीर को पोषक तत्व दे जिससे कि रिकवर कर सके.
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