Paris Olympic : पेरिस ओलिंपिक में 10 मीटर पिस्टल की व्यक्तिगत स्पर्धा में सरबजोत सिंह जहां मेडल से चुक गए थे और चौथे स्थान पर रहे थे. इसके बाद उन्होंने 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में मनु भाकर के साथ मिलकर कांस्य पदक पर कब्जा जमाया. अब सरबजोत ने अपने करियर को लेकर बड़ा फैसला किया और सरकारी नौकरी लेने से मना कर दिया.
सरबजोत सिंह ने ठुकराई नौकरी
सरबजोत सिंह को हरियाणा सरकार द्वारा खेल विभाग में उपनिदेशक पद की पेशकश की गई थी. इस नौकरी को ठुकराते हुए सरबजोत सिंह ने कहा,
मैं सबसे पहले अपनी निशानेबाजी पर ध्यान देना चाहता हूं. मेरा परिवार भी मुझसे अच्छी नौकरी लेने के लिए कह रहा था. लेकिन मैं अभी सिर्फ निशानेबाजी करना चाहता हूं और मैं अपने कुछ फैसलों के खिलाफ नहीं जा सकता. इसलिए अभी नौकरी नहीं कर सकता.
हरियाणा सरकार ने दिया बड़ा इनाम
आठ अगस्त को भारत लौटने वाले अंबाला के सरबजोत सिंह का उनके घर में भव्य स्वागत हुआ. जबकि हरियाणा सरकार ने उन्हें 2.50 करोड़ रुपये का नकद इनाम दिया था.इसके अलावा युवा मामले और खेल मंत्रालय की नकद पुरस्कार योजना के तहत खेल मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा 22.5 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया. अंबाला के धीन गांव से आने वाले सरबजोत ने पहले ही बता दिया था कि पहले ओलिंपिक में वह बेस्ट प्रदर्शन नहीं कर सके और आगले 2028 लोस एंजिल्स ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतना चाहते हैं. अब सरबजोत अपने अगेल टारगेट के लिए जल्द ही शुरुआत कर देंगे. वहीं सरबजोत के आलवा उनकी साथी मनु भाकर ने दो कांस्य पदक जीते जबकि महाराष्ट्र से आने वाले अन्य निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने 25 मीटर थ्री पोजीशन राइफल में कांस्य पदक अपने नाम किया. इस तरह निशानेबाजी ने देश को पेरिस ओलिंपिक में तीन कांस्य पदक दिलाए.
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