स्वप्निल कुसाले के मेडल से ना सिर्फ पेरिस ओलिंपिक में भारत के मेडल की संख्या बढ़ी, बल्कि उन्हें प्रमोशन भी मिल गया है. इस प्रमोशन का वो ब्रेसबी से इंतजार कर रहे थे. कुसाले को 9 साल में पहली बार प्रमोश मिला है. सेंट्रल रेलवे ऑफिस में नौ साल से उनके प्रमोशन की फाइल फंसी हुई थी, मगर पेरिस में कमाल करते ही उनकी फाइल तुरंत आगे बढ़ गई है और कुछ घंटों के बाद ही उन्हें जूनियर TE से प्रमोट करके स्पोर्ट्स सेल में स्पेशल ड्यूटी पर ऑफिसर बना दिया गया. शूटिंग के सबसे मुश्किल इवेंट में से एक मेंस 50 मीटर एयर राइफल थ्री पोजीशन में भारत को ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाले कुसाले 2015 सेंट्रल रेलवे में काम कर रहे हैं, मगर कुसाले के बार बार अनुरोध के बावजूद उन्हें 9 साल में एक बार भी प्रमोशन नहीं मिला था. वो अपने ऑफिस के रवैये से काफी निराश भी थे.
टाइम्स ऑफ की खबर के अनुसार कुसाले की कोच दीपाल देशपांडे का कहना था कि वो पिछले नौ साल से रेलवे के साथ काम कर रहे हैं, मगर उनके प्रमोशन पर कभी विचार नहीं किया गया. हालांकि सेंट्रल रेलवे के सहायक स्पोर्ट्स ऑफिसर रंजीत माहेश्वरी ने पेरिस ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट को डबल प्रमोशन मिलने की बात कही थीं. उन्होंने आगे कहा-
ये गलत जानकारी है. उनका प्रमोशन रोका नहीं गया था. जनरल मैनेजर से हमारी बात हुई और उम्मीद है कि उन्हें दो दिन में डबल प्रमोशन मिल जाएगा.
प्रमोशन के निर्देश जारी
रेलवे में कुसाले के सहकर्मियों का कहना है कि वो ऑफिस में सीनियर्स के व्यवहार से काफी दुखी थें. वो भी अपने प्रमोशन के बारे में पूछते, उन्हें रूखा जवाब ही मिलता. देशपांडे का कहना है कि प्रमोशन की फाइल का आगे बढ़ाने के लिए उन्हें पेरिस के लिए रवाना होने से पहले ऑफिस में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था. कुसाले ट्रेनिंग में बिजी रह रहे थे, वो ऑफिस नहीं गए थे. स्वप्निल कुसाले के ओलिंपिक में मेडल जीतने के बाद सेंट्रल रेलवे ने बीते दिन उनके प्रमोशन के निर्देश जारी किया.
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