पेरिस ओलंपिक 2024 के गोल्ड मेडल विजेता थॉमस सेकॉन को ओलंपिक विलेज की सुविधाओं से शिकायत है. यह समस्या इतनी ज्यादा बड़ी है कि उन्हें एक पार्क में सोते हुए देखा गया. पार्क में एक पेड़ के नीचे एक सफेद तौलिये पर झपकी लेते हुए उनकी तस्वीर सऊदी को अरब के रोवर हुसैन अलीरेजा ने पोस्ट की थी. थॉमस सेकॉन ने पुरुषों की 100 मीटर बैकस्ट्रोक इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. लेकिन पेरिस के ओलिंपिक विलेज की सुविधाओं की हकीकत यह है कि चैंपियन खिलाड़ियों को पार्क में सोना पड़ रहा है.
पार्क में सोने को मजबूर खिलाड़ी
पेरिस और शैटयूरॉक्स इस बार ओलंपिक खेल के दो मुख्य आयोजन स्थल हैं. दोनों ही जगह इस वक्त तापमान बहुत अधिक बढ़ गया है. कार्बन फुटप्रिंट की समस्या के नाते इस बार कुलिंग के लिए एसी का इस्तेमाल नहीं किया गया है. यही वजह है कि गोल्ड मेडल विजेता थॉमस सेकॉन को पार्क में सोते देखा गया. उन्होंने बताया,
कई एथलीट इसी कारण से आगे बढ़ते हैं, यह कोई बहाना या बहाना नहीं है, यह वास्तविकता है जो शायद हर कोई नहीं जानता. आम तौर पर जब मैं घर पर होता हूं, तो मैं हमेशा दोपहर में सोता हूं. यहां मुझे गर्मी और शोर के बीच वास्तव में संघर्ष करना पड़ता है.
सेकॉन अकेले एथलीट नहीं हैं जिन्हें रहने की व्यवस्था में गंभीर खामियां दिख रही हैं. इस लिस्ट में कोको गॉफ, एरियार्न टिटमस और असिया तौआती भी हैं, जिन्होंने पेरिस के आयोजकों द्वारा उपलब्ध कराए गए आवास के बारे में शिकायत की है. 400 मीटर फ्रीस्टाइल में अपना ओलंपिक गोल्ड मेडल बचाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई तैराक टिटमस को लगा अगर वहां रहने और आराम करने की सुविधा अच्छी होती तो वह विश्व रिकार्ड तोड़ सकती थीं. उन्होंने कहा,
शायद यह वह समय नहीं था जब मैंने सोचा था कि मैं सक्षम हूं, लेकिन ओलंपिक गांव में रहने से प्रदर्शन करना कठिन हो जाता है. यह निश्चित रूप से उच्च प्रदर्शन के लिए नहीं बनाया गया है, इसलिए यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन इसे वास्तव में ध्यान में रख सकता है.
बता दें कि भारतीय खिलाड़ियों को भी पेरिस में सुविधाओं को लेकर शिकायत थी. भारतीय खिलाड़ियों को खाने से लेकर गर्मी तक की मार झेलनी पड़ी. हालात ऐसी की ओलिंपिक विलेज में भारतीय एथलीट्स के लिए देश के खेल मंत्रालय ने 40 पोर्टेबल एयर कंडीशनर मुहैया कराए. वहीं इससे पहले भारतीय खिलाड़ियों को ओलिंपिक विलेज में खाने के विकल्प भी काफी कम मिले. अमित पंघाल को सपोर्ट स्टाफ के जरिए अपनी डाइट बनाए रखने के लिए बाहर से दाल-रोटी मंगानी पड़ी थी.
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