Paris Olympics 2024 : नीरज, विनेश और हॉकी से तीन गोल्ड मेडल की उम्मीद कर रहा पूरा देश, जानिए किस खेल में कब और कहां दूर करनी होगी रुकावट
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Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलिंपिक में भारत के पास गोल्डन चांस
Paris Olympics 2024 : टीम इंडिया लगा सकती है गोल्डन हैट्रिक
Paris Olympics 2024 : पेरिस ओलिंपिक 2024 में छह अगस्त के दिन भारत की धमाकेदार शुरुआत रही. रेसलिंग में देश की बेटी विनेश फोगाट ने जहां सेमीफाइनल में जगह बनाई. वहीं नीरज चोपड़ा ने दमदार जैवलिन थ्रो के साथ फाइनल्स में एंट्री की. इसके साथ ही भारतीय हॉकी टीम भी अब जर्मनी को सेमीफाइनल में हराकर 44 साल बाद ओलिंपिक का गोल्ड मेडल मैच खेलने उतरेगी. ऐसे में चलिए जानते हैं कि तीनो स्पर्धाओं में भारत को गोल्ड मेडल के लिए किसको पटखनी देनी होगी.
विनेश फोगाट
महिलाओं की 50 किग्रा फ्रीस्टाइल रेसलिंग में विनेश फोगाट ने पहले मैच में वर्ल्ड नंबर वन और 2020 टोक्यो ओलिंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट जापान की युई सुसाकी को 3-2 से हराया. इसके बाद क्वार्टरफाइनल मुकाबले में विनेश ने यूक्रेन की ओकसाना लिवाच को 7-5 से मात देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. अब विनेश का सामना सेमीफाइनल में क्यूबा की गुज़मान लोपेज़ से होगा और उन्हें हराकर विनेश फाइनल में जाते ही मेडल पक्का कर लेंगी. अपने तीसरे ओलिंपिक में विनेश के अगर जीत क्रम जारी रहता है तो वह फाइनल जीतकर देश को गोल्ड मेडल भी जिता सकती हैं.
नीरज चोपड़ा
भारत के गोल्डन बॉय और 2020 टोक्यो ओलिंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने फिर से गोल्डन उम्मीदें बढ़ा दी हैं. नीरज ने फाइनल्स में जाने के लिए 89.34 मीटर दूर जैवलिन फेंका और इस दूरी को क्वालिफिकेशन में अन्य कोई भी एथलीट नहीं पार सका. जिससे नीरज से फिर गोल्ड मेडल की उम्मीद बढ़ गई है.नीरज के बाद 88.65 मीटर दूर जैवलिन याकूब वाद्लेच ने फेंका और तीसरे स्थान पर रहने वाले एंडरसन पीटर्स ही उन्हें टक्कर दे सकते हैं. लेकिन नीरज का प्रदर्शन अगर जारी रहा तो उन्हें गोल्ड से कोई नहीं रोक सकेगा.
भारतीय हॉकी टीम
भारतीय हॉकी टीम का पेरिस ओलिंपिक में शानदार सफर जारी है. भारत को एक मैच सिर्फ बेल्जियम से अभी तक हारना पड़ा. लेकिन बेल्जियम की टीम बाहर हो चुकी है. अब भारतीय टीम अगर जर्मनी को सेमीफाइनल में हराती है तो फाइनल में उसका सामना नीदरलैंड्स से होगा. हॉकी टीम इंडिया अगर दोनों मुकाबले जीतती है तो साल 1980 के बाद भारत में पहली बार हॉकी अपना खोया हुआ सुनहरा सम्मान हासिल कर लेगी.
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