मनु भाकर एक ओलिंपिक में दो मेडल जीतने वाली आजाद भारत की पहली खिलाड़ी बन गई हैं. मनु ने विमंस 10 मीटर एयर पिस्टल के बाद सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में भी ब्रॉन्ज जीता. मनु की इस ऐतिहासिक जीत के बाद उनके घर में जश्न का माहौल है.
हालांकि इस बीच मनु के पिता राम किशन दूसरे खेलों को क्रिकेट जितनी अहमियत ना देने पर भड़क गए. मनु के दो मेडल से शूटिंग का दौर शुरू होने के सवाल पर उनके पिता राम किशन भाकर ने आजतक से बातचीत में कहा-
ऐसा नहीं होने वाला है, क्योंकि भारत में क्रिकेट को लेकर लोगों की दीवानगी है. हारने वालों की भी फोटो छपती है. एयरपोर्ट पर भी गए तो उनकी फोटो लगती है. बाकी खेलों को भी इज्जत देना शुरू करना चाहिए, जो उतनी नहीं मिलती है. ओलिंपिक क्रिकेट से बहुत बड़ा है. क्रिकेट में गिनती के 8 देश खेलते हैं और 8 में से चार देश तो मजबूत है और उन चार देश में वर्ल्ड कप जीतना और ओलिंपिक, जिसमें 202 देश होते हैं, मगर हमारे यहां क्रिकेट को ज्यादा बढ़ावा देते हैं.
गोल्ड ना जीत पाने का मलाल नहीं
मनु के पिता ने कहा कि वो क्रिकेट के खिलाफ नहीं हैं, मगर दूसरे खेलों को भी तवज्जो देनी चाहिए. मनु ने इस ओलिंपिक में दो ब्रॉन्ज जीते, मगर उनके पिता को गोल्ड ना जीत पाने का कोई मलाल नहीं हैं. उनका कहना है कि मेडल तो मेडल होता है और उन्हें इसकी काफी खुशी है.
मनु के पिता ने कहा कि ओलिंपिक में पहुंचना हर खिलाड़ी का सपना होता है और वो बहुत बड़ी बात होती है. वो ओलिंपिक में पहुंची, पोडियम फिनिश किया. उन्होंने कहा कि मनु का हौंसला बढ़ता जा रहा है तो ऐसा भी हो सकता है उनकी बेटी अपने अगले इवेंट में और अच्छा प्रदर्शन करें.
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